Saturday, 29 December 2012

सरकारें न चलाएं टीवी चैनलः ट्राई

नई दिल्ली । भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने कहा है कि केंद्र तथा राज्य सरकारों को "प्रसारण व्यवसाय" में नहीं आना चाहिए। ट्राई के इस विचार का तमिलनाडु समेत कई राज्य सरकारों पर असर हो सकता है। ट्राई ने शुक्रवार को सौंपी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि राजनीतिक निकायों को भी प्रसारण क्षेत्र में आने की अनुमति नहीं होनी चाहिए। सूचना एवं प्रसारण सचिव उदय कुमार वर्मा ने ३० नवंबर को ट्राई को एक पत्र लिखकर पूछा था कि क्या राज्य या केंद्र सरकारों या ऐसे निकायों जिस पर उनका नियंत्रण हो, को प्रसारण या चैनल चलाने की अनुमति दी जानी चाहिए।


Saturday, 22 December 2012

बैलगाडिय़ों की तरफ लौटा आगरा


आगरा। २०१२ के अंत से ठीक पहले और २०१३ के स्वागत में आगरा ने खासे बदलाव आए हैं। जगह -जगह खड़ी बैल, घोड़ा गाड़ी देखकर ऐसा लग रहा है मानों हम आधुनिक युग में नहीं बल्कि आज से ठीक पचास साल पीछे पहुंच गए हैं। एम रोड पर लगने वाले जाम से निपटने के लिए एम जी रोड से ऑटो रिक्शा का संचालन बंद कर दिया गया है। तथा उनके स्थान पर बसों का संचालन किया जा रहा है। लेकि न ऑटो चालकों ने एम जी रोड पर नहीं तो कहीं नहीं के नारे के कारण पूरे आगरा में हर एक चौराहे से ऑटो रिक्शें बंद हो चुके हैं। इसके स्थान पर चलाई जा रहीं जेनर्म की बसें सवारियों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर नहीं पहुंचा पा रहीं हैं। इतना ही नहीं एमजी रोड पर हर एक मिनट बाद लेकिन अन्य रूटों पर आने जाने वालों को काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा हैं। दुगना किराया देने के बाद भी समय से ऑफिस नहंी जा पा रहे हैं। न तो सिकंदरा से भगवान टॉकीज के लिए और न ही भगवान टॉकीज से राम बाग के लिए याता यात के लिए कोई खास इंतजाम नहीं हैं। जहां भगवान टॉकीज से रामबाग के मात्र पांच रूपए लगते थे वहां बसों द्वारा दुगना किराया यानी दस रुपए बसूले जा रहें हैं। घंटों सड़क पर खेड़ होकर बसों का इंतजार करना पड़ रहा हैं। इसी बीच घोड़ा गाडिय़ां यातायात का साधन बनती नजर आ रही है। भगवान टॉकीज का नजारा ऐसा लग रहा है मानों पुराना दौर फिर से वापस आ गया है। तेज दौड़ भाग करने वाले आगरावासी फिर से धीमी गति पकडऩे पर मजबूर हैं। तीन किलोमीटर का किराया पन्द्रह से बीस रुपए तक वसूला जा रहा है। लेकिन इस सब की परवाह बंद गाडिय़ों में चलने वाले अफसरों के पास कहां हैं। ऑटो चालकों की हड़ताल का सीधा असर मध्यम वर्ग पर पड़ा है। घर से निकलते ही जेब ढ़ीली होती जा रही है। इतना ही नहीं समय से न तो काम पर और न ही घर पर वापसी हो रही है। आगरा के हालातों को देखकर ऐसा लग रहा है मानों इस खूबसूरत शहर को किसी की नजर लग गई है।

Sunday, 2 December 2012

jago grahak jago उपभोक्ताओं के अधिकार


उपभोक्ता जाने अपने अधिकार
ठगी का षिकार बनते हैं लोग
महंगाई के कारण हो रहे हैं मिलावटखोर सक्रिय
ज्यादातर उपभोक्ताओं को नहीं पता होते अपने अधिकार
बाजार में आए दिन नई नई वैराइटी की चीजें देखने को मिल रही है। जिनके द्वारा लोगों को आसानी से ठगी का षिकार बना लिया जाता है। बढ़ती महंगाई के कारण हर कोई परेषान है। महंगाई के कारण ही मिलावटखोर और ज्यादा सक्रिय हो रहे हैं। बढ़ते बाजारवाद के दौर में उपभोक्ता संस्कृति तो देखने को मिल रही है, लेकिन उपभोक्ताओं में जागरूकता की कमी है। आज हर व्यक्ति उपभोक्ता है, चाहे वह कोई वस्तु खरीद रहा हो या फिर किसी सेवा को प्राप्त कर रहा हो। दरअसल, मुनाफाखोरी ने उपभोक्ताओं के लिए कई तरह की परेशानियां पैदा कर दी हैं। वस्तुओं में मिलावट और निम्न गुणवत्ता की वजह से जहां उन्हें परेशानी होती है, वहीं सेवाओं में व्यवधान या पर्याप्त सेवा न मिलने से भी उन्हें दक्कितों का सामना करना पडता है। हालांकि सरकार कहती है, जब आप पूरी कीमत देते हैं तो कोई भी वस्तु वजन में कम न लें। बाट सही है या नहीं, यह सुनिश्चित करने के लिए कानून है। यह स्लोगन सरकारी दफ्तरों में देखने को मिल जाएगा। सरकार ने उपभोक्ताओं को संरक्षण देने के लिए कई कानून बनाए हुए हैं, लेकिन इसके बावजूद उपभोक्ताओं से पूरी कीमत वसूलने के बाद उन्हें सही वस्तुएं और वाजिब सेवाएं नहीं मिल पा रही हैं। भारत में 24 दिसंबर राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस के रूप में मनाया जाता है, क्योंकि उपभोक्ताओं को शोषण से बचाने के लिए 24 दिसंबर, 1986 को उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम-1986 लागू किया गया। इसके अलावा 15 मार्च को देश में विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस के तौर पर मनाया जाता है। भारत में इसकी शुरुआत 2000 से हुई।
गौरतलब है कि उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम-1986 मेंउत्पाद और सेवाएं शामिल हैं। उत्पाद वे होते हैं, जिनका निर्माण या उत्पादन किया जाता है और जिन्हें थोक विक्रेताओं या खुदरा व्यापारियों द्वारा उपभोक्ताओं को बेचा जाता है। सेवाओं में परिवहन, टेलीफोन, बिजली, निर्माण, बैंकिंग, बीमा, चिकित्सा-उपचार आदि शामिल हैं। आम तौर पर ये सेवाएं पेशेवर लोगों द्वारा प्रदान की जाती हैं, जैसे चिकित्सक, इंजीनियर, वास्तुकार, वकील आदि। इस अधिनियम के कई उद्देश्य हैं, जिनमें उपभोक्ताओं के हितों और अधिकारों की सुरक्षा, उपभोक्ता संरक्षण परिषदों एवं उपभोक्ता विवाद निपटान अभिकरणों की स्थापना शामिल है। उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम में यह स्पष्ट किया गया कि उपभोक्ता कौन है और किन-किन सेवाओं को इस कानून के दायरे में लाया जा सकता है। इस अधिनियम के प्रावधानों के मुताबिक, किसी भी वस्तु को कीमत देकर प्राप्त करने वाला या निर्धारित राशि का भुगतान कर किसी प्रकार की सेवा प्राप्त करने वाला व्यक्ति उपभोक्ता है। अगर उसे खरीदी गई वस्तु या सेवा में कोई कमी नजर आती है तो वह जिला उपभोक्ता फोरम की मदद ले सकता है। इस अधिनियम की धारा-2 (1) (डी) के अनुबंध (2) के मुताबिक, उपभोक्ता का आशय उस व्यक्ति से है, जो किन्हीं सेवाओं को शुल्क की एवज में प्राप्त करता है। लेकिन सर्वोच्च न्यायालय ने 1997 के अपने एक फैसले में कहा कि इस परिभाषा में वे व्यक्ति भी शामिल हो सकते हैं, जो इन सेवाओं से लाभान्वित हो रहे हों।

उपभोक्ताओं को मालूम होना चाहिए कि वे जो खा रहे हैं, उसमें क्या है, उसकी गुणवत्ता क्या है, उसकी मात्रा और शुद्धता कितनी है? उत्पादकों को भी चाहिए कि वे अपने उत्पाद के इस्तेमाल से होने वाली स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं की भी विस्तृत जानकारी दें।
- शरद पवार, केंद्रीय कृषि मंत्री
यह कानून उपभोक्ताओं के लिए एक राहत बनकर आया है। 1986 से पहले उपभोक्ताओं को दीवानी अदालतों के चक्कर लगाने पडते थे। इसमें समय के साथ-साथ धन भी ज्यादा खर्च होता था। इसके अलावा उपभोक्ताओं को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पडता था। इस समस्या से निपटने और उपभोक्ताओं के हितों के संरक्षण के लिए संसद ने जिला स्तर, राज्य स्तर और राष्ट्रीय स्तर पर विवाद पारितोष अभिकरणों की स्थापना का प्रस्ताव पारित किया। यह जम्मू-कश्मीर के अलावा पूरे देश में लागू है। जम्मू-कश्मीर ने इस संबंध में अपना अलग कानून बना रखा है। इस अधिनियम के तहत तीन स्तरों पर अभिकरणों की स्थापना की गई है, जिला स्तर पर जिला मंच, राज्य स्तर पर राज्य आयोग और राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रीय आयोग। अब उपभोक्ताओं को वकील नियुक्त करने की जरूरत नहीं है। उन्हें अदालत की फीस भी नहीं देनी पड़ती। इन अभिकरणों द्वारा उपभोक्ता का परिवाद निपटाने की सेवा पूरी तरह निरूशुल्क है। इन तीनों अभिकरणों को दो प्रकार के अधिकार हासिल हैं। पहला धन संबंधी अधिकार और दूसरा क्षेत्रीय अधिकार। जिला मंच में 20 लाख रुपये तक के वाद लाए जा सकते हैं। राज्य आयोग में 20 लाख से एक करोड रुपये तक के मामलों का निपटारा किया जा सकता है, जबकि राष्ट्रीय आयोग में एक करोड रुपये से ज्यादा के मामलों की शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। यह धन संबंधी अधिकार है। जिस जिले में विरोधी पक्ष अपना कारोबार चलाता है या उसका ब्रांच ऑफिस है या वहां कार्य कर रहा है तो वहां के मंच में शिकायती पत्र दिया जा सकता है। इसे क्षेत्रीय अधिकार कहते हैं। उपभोक्ता को वस्तु और सेवा के बारे में एक शिकायत देनी होती है, जो लिखित रूप में किसी भी अभिकरण में दी जा सकती है। मान लीजिए, जिला मंच को शिकायत दी गई। शिकायत पत्र देने के 21 दिनों के भीतर जिला मंच विरोधी पक्ष को नोटिस जारी करेगा कि वह 30 दिनों में अपना पक्ष रखे। उसे 15 दिन अतिरिक्त दिए जा सकते हैं। जिला मंच वस्तु का नमूना प्रयोगशाला में भेजता है। इसकी फीस उपभोक्ता से ली जाती है। प्रयोगशाला 45 दिनों के अंदर अपनी रिपोर्ट भेजेगी। अगर रिपोर्ट में वस्तु की गुणवत्ता में कमी साबित हो गई तो जिला मंच विरोधी पक्ष को आदेश देगा कि वह माल की त्रुटि दूर करे, वस्तु को बदले या कीमत वापस करे या नुकसान की भरपाई करे, अनुचित व्यापार बंद करे और शिकायतकर्ता को पर्याप्त खर्च दे आदि। अगर शिकायतकर्ता जिला मंच के फैसले से खुश नहीं है तो वह अपील के लिए निर्धारित शर्तें पूरी करके राज्य आयोग और राज्य आयोग के फैसले के खिलाफ राष्ट्रीय आयोग में अपील कर सकता है। इन तीनों ही अभिकरणों में दोनों पक्षों को अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाता है। मंच या आयोग का आदेश न मानने पर दोषी को एक माह से लेकर तीन साल की कैद या 10 हजार रुपये तक का जुर्माना अथवा दोनों सजाएं हो सकती हैं।
कुछ ही बरसों में इस कानून ने उपभोक्ताओं की समस्याओं के समाधान में महत्वपूर्ण किरदार निभाया। इसके जरिये लोगों को शोषण के खिलाफ आवाज बुलंद करने का साधन मिल गया। इसमें 1989, 1993 और 2002 में संशोधन किए गए, जिन्हें 15 मार्च, 2003 को लागू किया गया। संशोधनों में राष्ट्रीय आयोग और राज्यों के आयोगों की पीठ का सृजन, सर्किट पीठ का आयोजन, शिकायतों की प्रविष्टि, सूचनाएं जारी करना, शिकायतों के निपटान के लिए समय सीमा का निर्धारण, भूमि राजस्व के लिए बकाया राशियों के समान प्रमाणपत्र मामलों के माध्यम से निपटान अभिकरण द्वारा मुआवजे की वसूली का आदेश दिया जाना, निपटान अभिकरण द्वारा अंतरिम आदेश जारी करने का प्रावधान, जिला स्तर पर उपभोक्ता संरक्षण परिषद की स्थापना, जिला स्तर पर निपटान अभिकरण के संदर्भ में दंडात्मक न्याय क्षेत्र में संशोधन और नकली सामानध्निम्न स्तर की सेवाओं के समावेश को अनुचित व्यापार प्रथाओं के रूप में लेना आदि शामिल हैं। उपभोक्ता संरक्षण (संशोधन) अधिनियम-2002 के बाद राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निपटान आयोग ने उपभोक्ता संरक्षण विनियम-2005 तैयार किया।
उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम ने उपभोक्ताओं को अधिकार दिया है कि वे अपने हक के लिए आवाज उठाएं। इसी कानून का नतीजा है कि अब उपभोक्ता जागरूक हो रहे हैं। इस कानून से पहले उपभोक्ता बडी कंपनियों के खिलाफ बोलने से गुरेज करता था, लेकिन अब ऐसा नहीं है। मिसाल के तौर पर एक उपभोक्ता ने चंडीगढ से कुरुक्षेत्र फोन शिफ्ट न होने पर रिलायंस इंडिया मोबाइल लिमिटेड के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई और उसे इसमें कामयाबी मिली। इस लापरवाही के लिए उपभोक्ता अदालत ने रिलायंस पर 1।5 लाख रुपये का जुर्माना लगा दिया। इसी तरह एक उपभोक्ता ने रेलवे के एक कर्मचारी द्वारा उत्पीडित किए जाने पर भारतीय रेल के खिलाफ उपभोक्ता अदालत में मामला दर्ज करा दिया। नतीजतन, उपभोक्ता अदालत ने रेलवे पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगा दिया। बीते जून माह में दिल्ली स्थित राष्ट्रीय उपभोक्ता अदालत ने ओडिसा के बेलपहाड के पशु आहार विके्रता राजेश अग्रवाल पर एक लाख 20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया। मामले के मुताबिक, ओडिसा के बेलपहाड के पशुपालक राम नरेश यादव ने अगस्त 2004 में राजेश की दुकान से पशु आहार खरीदा था। इसे खाने के कुछ घंटे बाद उसकी एक भैंस, एक गाय और दो बछड़ियों ने दम तोड दिया। इसके अलावा बेल पहाड़ के जुल्फिकार अली भुट्टो की एक गाय की भी यह पशु आहार खाने से मौत हो गई। पीड़ितों द्वारा मामले की सूचना थाने में देने के बाद ब्रजराज नगर के पशु चिकित्सक लोचन जेना एवं बेलपहाड़ के पशु चिकित्सक प्रफुल्ल नायक ने भी पोस्टमार्टम के उपरांत इस बात की पुष्टि की कि पशुओं की मौत विषैला दाना खाने से हुई है। राम नरेश द्वारा क्षतिपूर्ति मांगने पर व्यवसायी ने कुछ भी देने से इंकार कर दिया। इस पर राम नरेश ने जिला उपभोक्ता अदालत की शरण ली और अदालत ने पशु आहार विक्रेता को दोषी करार दिया। इस फैसले के खिलाफ व्यापारी राजेश ने राज्य उपभोक्ता अदालत और बाद में 2007 में राष्ट्रीय उपभोक्ता अदालत में अपील दायर की। राष्ट्रीय अदालत के जज जे एम मल्लिक और सुरेश चंद्रा की खंडपीठ ने राज्य उपभोक्ता अदालत के फैसले को सही मानते हुए व्यापारी को एक लाख बीस हजार रुपये का जुर्माना अदा करने का आदेश दिया। उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम ने उपभोक्ता समूहों को प्रोत्साहित करने का काम किया है। इस कानून से पहले जहां देश में सर्फि 60 उपभोक्ता समूह थे, वहीं अब उनकी तादाद हजारों में है। उन उपभोक्ता समूहों ने स्थानीय से लेकर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उपभोक्ताओं के अधिकारों के लिए आवाज उठाई है। सरकार ने उपभोक्ता समूहों को आर्थिक सहयोग मुहैया कराने के साथ-साथ अन्य कई तरह की सुविधाएं भी दी हैं। टोल फ्री राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन उपभोक्ताओं के लिए वरदान बनी है। देश भर के उपभोक्ता टोल फ्री नंबर 1800-11-14000 डायल कर अपनी समस्याओं के समाधान के लिए परामर्श ले सकते हैं। उपभोक्ताओं को जागरूक करने के लिए सरकार द्वारा शुरू की गई जागो, ग्राहक जागो जैसी मुहिम से भी आम लोगों को उनके अधिकारों के बारे में पता चला है।
केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार ने माना है कि राज्य सरकारें उपभोक्ता मंच और आयोग को सुविधा संपन्न बनाने के लिए केंद्र द्वारा जारी बजट का इस्तेमाल नहीं कर रही हैं। इस बजट का समुचित उपयोग होना चाहिए। उनका यह भी कहना है कि उपभोक्ताओं को मालूम होना चाहिए कि वे जो खा रहे हैं, उसमें क्या है, उसकी गुणवत्ता क्या है, उसकी मात्रा और शुद्धता कितनी है? उत्पादकों को भी चाहिए कि वे अपने उत्पाद के इस्तेमाल से होने वाली स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं की भी विस्तृत जानकारी दें। बहरहाल, उपभोक्ताओं को खरीदारी करते वक्त सावधानी बरतनी चाहिए। उपभोक्ताओं को विभिन्न आधारभूत पहलुओं जैसे अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी), सोने के आभूषणों की हॉलमार्किंग, उत्पादों पर भारतीय मानक संस्थान (आईएसआई) का निशान और समाप्ति की तारीख के बारे में जानकारी होनी चाहिए। इसके बावजूद अगर उनके साथ धोखा होता है तो उसके खिलाफ शिकायत करने का अधिकार कानून ने उन्हें दिया है, जिसका इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
उपभोक्ताओं की परेशानियां
सेहत के लिए नुकसानदेह पदार्थ मिलाकर व्यापारियों द्वारा खाद्य पदार्थों में मिलावट करना या कुछ ऐसे पदार्थ निकाल लेना, जिनके कम होने से पदार्थ की गुणवत्ता पर विपरीत असर पडता है, जैसे दूध से क्रीम निकाल कर बेचना।
टेलीविजन और पत्र-पत्रिकाओं में गुमराह करने वाले विज्ञापनों के जरिये वस्तुओं तथा सेवाओं का ग्राहकों की मांग को प्रभावित करना।
वस्तुओं की पैकिंग पर दी गई जानकारी से अलग सामग्री पैकेट के भीतर रखना।
बिक्री के बाद सेवाओं को अनुचित रूप से देना।
दोषयुक्त वस्तुओं की आपूर्ति करना।
कीमत में छुपे हुए तथ्य शामिल होना।
उत्पाद पर गलत या छुपी हुई दरें लिखना।
वस्तुओं के वजन और मापन में झूठे या निम्न स्तर के साधन इस्तेमाल करना।
थोक मात्रा में आपूर्ति करने पर वस्तुओं की गुणवत्ता में गिरावट आना।
अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) का गलत तौर पर निर्धारण करना।
एमआरपी से ज्यादाकीमत पर बेचना।
दवाओं आदि जैसे अनिवार्य उत्पादों की अनाधिकृत बिक्री उनकी समापन तिथि के बाद करना।
कमजोर उपभोक्ताएं सेवाएं, जिसके कारण उपभोक्ता को परेशानी हो।
बिक्री और सेवाओं की शर्तों और निबंधनों का पालन न करना।
उत्पाद के बारे में झूठी या अधूरी जानकारी देना।
गारंटी या वारंटी आदि को पूरा न करना।

उपभोक्ताओं के अधिकार
जीवन एवं संपत्ति के लिए हानिकारक सामान और सेवाओं के विपणन के खिला़फ सुरक्षा का अधिकार।
सामान अथवा सेवाओं की गुणवत्ता, मात्रा, क्षमता, शुद्धता, स्तर और मूल्य, जैसा भी मामला हो, के बारे में जानकारी का अधिकार, ताकि उपभोक्ताओं को अनुचित व्यापार पद्धतियों से बचाया जा सके।
जहां तक संभव हो उचित मूल्यों पर विभिन्न प्रकार के सामान तथा सेवाओं तक पहुंच का आश्वासन।
उपभोक्ताओं के हितों पर विचार करने के लिए बनाए गए विभिन्न मंचों पर प्रतिनिधित्व का अधिकार।
अनुचित व्यापार पद्धतियों या उपभोक्ताओं के शोषण के विरुद्ध निपटान का अधिकार।
सूचना संपन्न उपभोक्ता बनने के लिए ज्ञान और कौशल प्राप्त करने का अधिकार।
अपने अधिकार के लिए आवाज उठाने का अधिकार।
माप-तोल के नियम

हर बाट पर निरीक्षक की मुहर होनी चाहिए।
एक साल की अवधि में मुहर का सत्यापन जरूरी है।
पत्थर, धातुओं आदि के टुकडों का बाट के तौर पर इस्तेमाल नहीं हो सकता।
फेरी वालों के अलावा किसी अन्य को तराजू हाथ में पकड कर तोलने की अनुमति नहीं है।
तराजू एक हुक या छड की सहायता से लटका होना चाहिए।
लकडी और गोल डंडी की तराजू का इस्तेमाल दंडनीय है।
कपडे मापने के मीटर के दोनों सिरों पर मुहर होनी चाहिए।
तेल एवं दूध आदि के मापों के नीचे तल्ला लटका हुआ नहीं होना चाहिए।
मिठाई, गिरीदार वस्तुओं एवं मसालों आदि की तुलाई में डिब्बे का वजन शामिल नहीं किया जा सकता।
पैकिंग वस्तुओं पर निर्माता का नाम, पता, वस्तु की शुद्ध तोल एवं कीमत कर सहित अंकित हो। साथ ही पैकिंग का साल और महीना लिखा होना चाहिए।
पैकिंग वस्तुओं पर मूल्य का स्टीकर नहीं होना चाहिए।

kahan kare v kaise kare shikayat


भ्रष्टाचार पर कीजिए वार

भ्रष्टाचार से आम आदमी परेशान हैं उसे समझ में नहीं आ रहा कि करें तो क्या करें! लेकिन बिल्कुल ऐसा भी नहीं है। भ्रष्टाचार के खिलाफ छोटी-छोटी पहल व आवाज उसके खिलाफ लड़ाई का बड़ा मैदान तैयार करने में मददगार है। इसीलिए पंचायतनामा ने अपने पाठकों के लिए भ्रष्टाचार की जांच करने के लिए जिम्मेवार महत्वपूर्ण संस्थाओं के बारे में विस्तृत जानकारी व उसके पास शिकायत करने के तरीकों का संकलन यहां प्रस्तुत किया है। भ्रष्टाचार के खिलाफ काम करने वाले एनजीओ की भी जानकारी दी गयी है। राज्यपाल, मुख्यमंत्री से लेकर वरिष्ठ अधिकारियों के भी फोन नंबर यहां दिये गये हैं। आप संबंधित संस्थाओं व अधिकारियों के पास शिकायत करें। ये आपके लिए हैं. आप फोन करें, फैक्स करें, पत्र लिखें। यकीन मानिए आपकी बार-बार की शिकायतें रंग लायेंगी व भ्रष्टाचार के कैंसर के यहीं से खत्म होने की प्रक्रिया शुरू हो जायेगी।
केंद्रीय सतर्कता आयोग से करें शिकायत
केंद्रीय सतर्कता आयोग अधिनियम 2003 में बना। इसके माध्यम से लोक सेवकों के विरुद्ध भ्रष्टाचार के आरोपों वाली शिकायतों की जांच केंद्रीय सतर्कता आयोग को करने अथवा जांच करवाने का अधिकार प्राप्त है। आयोग संबंधित संगठनों के मुख्य सतर्कता अधिकारी अथवा केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो(सीबीआइ) अथवा भारत सरकार के किसी भी अन्य भ्रष्टाचार निरोधी जांच एजेंसी के माध्यम से जांच करवा सकता है।
आयोग के अधिकार क्षेत्र
1. केंद्रीय सतर्कता आयोग की अधिकार क्षेत्र में आने वाले संगठनों की निम्नलिखित श्रेणियों के अधिकारियों के विरुद्ध शिकायत की जा सकती है
केंद्रीय सरकारी मंत्रलय विभाग
केंद्रीय सरकार के सार्वजनिक उपक्रम
राष्ट्रीयकृत बैंक, बीमा कंपनियां
संसद के अधिनियम के माध्यम से स्थापित अथवा भारत सरकार के प्रशासनिक नियंत्रणाधीन स्वायत्त संगठन जैसे एम्स, पत्तन न्यास व दिल्ली विकास प्राधिकरण आदि
दिल्ली, चंडीगढ़, दमन एवं दीव, पुडुचेरी आदि सहित केंद्र शासित प्रदेश।
भारत सरकार के स्वामित्व अथवा नियंत्रणाधीन सोसाइटी व स्थानीय प्राधिकरण।
2. निजी व्यक्तियों व राज्य सरकारों के संगठनों पर भ्रष्टाचार के मामले में आयोग का कोई नियंत्रण या अधिकार नहीं है।
3. अधिकारियों की केवल कुछ विशेष श्रेणियों पर आयोग का सीधा अधिकार है
निरूशुल्क नंबर व हेल्पलाइन की सुविधा है उपलब्ध
शुल्क रहित नंबर: 1800-11-0180
दिल्ली से बाहर के निवासी इस नंबर पर सिर्फ बीएसएनएल फोन या मोबाइल से शिकायत दर्ज करा सकते हैं.
हेल्पलाइन नंबर है: 011-24651000
भ्रष्टाचार से संबंधित मामलों के सुस्पष्ट तथ्य देते हुए सीधे केंद्रीय सतर्कता आयेाग को संबोधित पत्रध्ईमेल द्वारा शिकायते की जा सकती है. केंद्रीय सतर्कता आयोग की वेबसाइट पर भी शिकायतें सीधे दर्ज की जा सकती है.
वेबसाइट का पता है www-cvc-nic-in
मुखबिर के संरक्षण का भी है प्रबंध
भ्रष्टाचार का मामला प्रकट करते समय यदि कोई शिकायतकर्ता अपनी पहचान गुप्त रखना चाहता है तो उसे लोकहित प्रकटीकरण और मुखबिर संरक्षण संकल्प (पर्दाफाश प्रावधान के नाम से प्रसिद्ध) के अंतर्गत शिकायत देनी चाहिए. आयोग को न केवल शिकायतकर्ता की पहचान गुप्त रखने का निर्देश है, बल्कि उसे शिकायतकर्ता को किसी शारीरिक धमकी, उत्पीड़न व अत्याचार के विरुद्ध सुरक्षा प्रदान करने का भी निर्देश है।
लोकहित प्रकटीकरण और मुखबिर संरक्षण संकल्प के अंतर्गत शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया
लोकहित प्रकटीकरण और मुखबिर संरक्षण संकल्प के अंतर्गत शिकायतें केवल डाक द्वारा दी जा सकती हैं. लिफाफे पर मोटे शब्दों में लोकहित प्रकटीकरण और मुखबिर संरक्षण या पर्दाफाश लिखा होना चाहिए. शिकायतकर्ता को पत्र में अपना नाम नहीं देना चाहिए. व्यक्तिगत विवरण पृथक रूप से दिया जाना चाहिए अथवा पत्र के सबसे ऊपर अथवा सबसे नीचे दिया जाना चाहिए, ताकि इन्हें आसानी से छिपाया जा सके।
यदि किसी व्यक्ति का इस कारण उत्पीड़न किया जाता है कि उसने पर्दाफाश प्रावधानों के अंतर्गत शिकायत दर्ज की है, तो वह मामले के समाधान प्राप्त करने के लिए आयोग के समक्ष आवेदन दे सकता है. तब आयोग शिकायतकर्ता की सुरक्षा के लिए उचित रूप से हस्तक्षेप करेगा।
शिकायत की स्थिति जानिए रू वेबसाइट ूूू.बअब.दपब.पद पर प्रदर्शित शिकायत स्थिति पर क्लिक करके शिकायतकर्ता, जांच किए जाने तथा रिपोर्ट दिए जाने के लिए संबधित प्राधिकारियों को भेजी गयी शिकायतों पर की गयी कार्रवाई की स्थिति देखने के लिए आयोग द्वारा दी गयी शिकायत संख्या का प्रयोग कर सकते हैं।
आयोग में शिकायतों पर की जाने वाली कार्रवाई
आयोग द्वारा केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो अथवा संबंधित संगठन के मुख्य सतर्कता अधिकारी के माध्यम से केवल उन शिकायतों का अन्वेषण करवाया जायेगा, जो आयोग के अधिकारिता में आने वाले कर्मचारी अथवा संगठन के विरुद्ध है व जिन पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं. आयोग अपने अधिकारी से भी जांच करवा सकता है।
आयोग द्वारा जांच के लिए भेजी गयी शिकायतों पर मुख्य सतर्कता अधिकारी को तीन माह के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होती है. जांच रिपोर्ट के आधार पर आयोग विवेक का स्वतंत्र प्रयोग करने के बाद सलाह देता है। संबंधित अनुशासनिक प्राधिकारी द्वारा आगे की अनुशासनात्मक कार्रवाई करने में लगभग छह महीने का समय लगता है।
आयोग द्वारा केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो-मुख्य सतर्कता अधिकारी को एक शिकायत की जांच करने व रिपोर्ट प्रस्तुत किए जाने का निर्देश दिए जाने पर शिकायतकर्ता को एक शिकायत संख्या दी जाएगी.
शिकायतकर्ता आयोग की वेबसाइट www-cvc-nic-inद पर प्रदर्शित शिकायत की स्थिति पर क्लिक करके शिकायत पर की गयी कार्रवाई की स्थिति देखने के लिए शिकायत संख्या का प्रयोग कर सकता है।
शिकायत में वास्तविक विवरण, सत्यापनीय तथ्य व संबद्ध मामले होने चाहिए। ये अस्पष्ट अथवा अतिश्योक्तिपूर्ण सामान्य आरोपों वाले नहीं होनी चाहिए।
शिकायत आयोग को सीधे संबोधित होनी चाहिए. आयोग को शिकायतें प्रतिलिपि के रूप में नहीं भेजी जानी चाहिए.
आयोग अनामध्छद्मनाम शिकायतों पर कार्रवाई नहीं करता है। इसके बावजूद संगठन ऐसी शिकायतें प्राप्त होने पर इनका अन्वेषण करने के लिए आयोग से अनुमति ले।
उपयरुक्त मानदंडों को पूरा नहीं करने वाली शिकायतों को या तो फाइल कर दिया जायेगा अथवा आवश्यक कार्रवाई के लिए संबंधित मुख्य सतर्कता अधिकारी को भेज दिया जाएगा और जांच करवायी जाएगी।
सीबीआइ को करें शिकायत
सीबीआइ भ्रष्टाचार के खिलाफ जांच करने वाली एक महत्वपूर्ण एजेंसी है। सीबीआइ बिना नाम के या छद्म नाम पर शिकायत करने पर मामले की जांच नहीं करती है। अतरू जब आपको सीबीआइ से शिकायत करने की जरूरत पड़े तो आप अपना वास्तविक व सही परिचय दें। सीबीआइ परंपरागत अपराधों जैसे हत्या, चोरी, डकैती जैसे मामलों की शिकायत की सुनवायी नहीं करता है। हां, विशेष परिस्थितियों में सर्वोच्च न्यायालय, उच्च न्यायालय व राज्य सरकारों के आदेश पर ऐसे मामलों की जांच करता है।
सीबीआइ को इस नंबर पर करें शिकायत:
फोन नं. रू 011-24362755ध्24361273.
इ-मेल पता रूपदवितउंजपवद/बइप.हवअ.पद
गलत ढंग से मानव के विशेषकर महिलाओं व बच्चों के अवैध व्यापार की शिकायत सीबीआइ की 24 घंटे सातों दिन उपलब्ध रहने वाला हेल्पलाइन नंबर रू 011-24368638 पर कर सकते हैं. झारखंड में यह स्थिति सामान्य बात है.
साइबर अपराध के लिए रू साइबर अपराध से जुड़ी शिकायतों के लिए इ-मेल पता है रू ेचमवनेकमस/बइप.हवअ.पद आर्थिक अपराध के लिए रू बैंकिंग व आर्थिक सेक्टर, बीमा क्षेत्र, स्टॉक मार्केट, कस्टम एवं सेंट्रल एक्साइज, कॉरपोरेट सेक्टर, इ-कॉमर्स क्रेडिट कार्ड के दुरुपयोग का, एटीएम कार्ड के दुरुपयोग व यात्र संबंधी कागजात के दुरुपयोग की शिकायत भी की जा सकती है। नशीले पदार्थ, वन्य पशु, सांस्कृतिक धरोहरों, मानव तस्करी, मुद्रा की तस्करी, बौद्धिक संपदा अधिकार को क्षति पहुंचाने, तकनीक के माध्यम से होने वाले अपराध व अन्य अपराधों की शिकायत भी सीबीआइ से की जा सकती है। इस तरह की शिकायत इस इ-मेल पते पर की जा सकती है ।
आजकल आमलोग सरकारी बैंकों में अनियमितता व गड़बड़ी के भुक्तभोगी बनते हैं. इस तरह की खबरें भी आती हैं कि एकाउंट धारी के एकाउंट से फर्जी तरीके से कोई अन्य व्यक्ति पैसों की निकासी कर लेता है. ऐसी कई अन्य शिकायतें भी आती हैं। ऐसे मामलों की भी आप सीबीआइ को शिकायत कर सकते हैं. बैंकों में हुई गड़बड़ी की शिकायत के लिए एक फॉरमेट भी सीबीआइ की वेबसाइट पर उपलब्ध है।
फोन नं. रू 0612-2235599
सीबीआइ, एंटी क्राइम ब्रांच, रांची, 9470590429

क्या है ट्रांसपेरेंसी इंटनेशनल
ट्रांसपेरेंसी इंटनेशनल भ्रष्टाचार निरोधी अंतरराष्ट्रीय संस्था है. इसके रांची स्थित केंद्र पर संपर्क कर आप भ्रष्टाचार की शिकायत करने के साथ ही आवश्यक सूचना भी प्राप्त कर सकते हैं. इसके अलावा यह केंद्र कानूनी सलाह देने का भी काम करता है। ट्रांसपेरेंसी इंटनेशनल, रांची के समन्वयक अविनाश कुमार बताते हैं कि उनके पास जो शिकायतें आती हैं, वे उसकी जानकारी संबंधित अधिकारी व अन्य जिम्मेवार लोगों को देते हैं व उसके निबटारे के लिए कहते हैं। अविनाश कुमार के अनुसार, भ्रष्टाचार रोकने के लिए पंचायत राज निकाय व गांव के लोग भी सशक्त माध्मय बन सकते हैं, बशर्ते कि वे उन हथियारों का उपयोग करना जानें जो उन्हें एक नागरिक के रूप में कानून के तहत मिले हैं। आप अविनाश कुमार से फोन कर सलाह ले सकते हैं।
दिल्ली का पता है रू क्वार्टर नंबर - 4, लाजपत भवन, लाजपत नगर - 4, नयी दिल्ली - 110024.
फोन नंबर रू 011-26460826ध्40634797, फैक्स नंबर रू 011-26424552
ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल, रांची
हेल्पलाइन रू 9334402323, पता रू अविनाश कुमार, यामहा शोरूम के सामने, कांके रोड, रांची. सुबह 9.30 बजे से शाम 6.00 तक फोन करें.
इंडिया एगेंस्ट करप्शन
अन्ना हजारे के पूर्व सहयोगियों(अरविंद केजरीवाल आदि) की संस्था इंडिया एगेंस्ट करप्शन भी भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई के लिए मुखर है। साल 2011 व 2012 में अन्ना हजारे के नेतृत्व में हुए भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के पीछे इस संस्था की बड़ी भूमिका थी। आप भ्रष्टाचार से जुड़ी शिकायतें इस संस्था से भी कर सकते हैं। आप इन्हें पत्र लिखिए, मेल व फैक्स कीजिए। फोन पर भी अपनी परेशानी बताइए।
पता है रू इंडिया एगेंस्ट करप्शन, ए-119, फस्र्ट फ्लोर, कौशांबी, गाजियाबाद, उत्तरप्रदेश - 201010.अरविंद केजरीवाल रू 9868069953, फोन नंबर रू 0120-4559701ध्4559237, टेलीफैक्स रू 0120-2771017, हेल्पलाइन नंबर रू 9718500606.

राजभवन
राज्यपाल, डॉ सैयद अहमद
0651-2283469 (का.), 0651-2283465 (का.), 0651-2201101 (फै.)
राज्यपाल के प्रधान सचिव, डॉ एके पांडेय
9431107791, 0651-2283468 (का.)
0651-2201101 (फैक्स)
सदाशिव राव, राज्यपाल के ओएसडी (न्यायिक) 0651-2283465, 9431129704
क्रांति कुमार, राज्यपाल के एपीआरओ-
0651-2283465, 09431578661
मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री, अर्जुन मुंडा
0651-2400233 (का.)
0651- 2280996 (आ.), 0651-2440061(फै.)
डॉ डीके तिवारी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव रू 9431103154, 0651-2281400(का.)
0651-2281300(फै.)
मुख्यमंत्री के वरीय आप्त सचिव
संजय बसु: 9431173013
अरुण कु सिंह रू 9931548318
श्रीमती शालिनी वर्मा, उपनिदेशक, जनसंपर्क
0651-2280366, 9431432970
उपमुख्यमंत्री
उपमुख्यमंत्री, सुदेश कु महतो
0651-2400237 (का.), 0651-2282200 (आ.), 09431107395 (मो.)
हिमांशु कुमार, निजी सचिव रू 9431104757
उपमुख्यमंत्री, हेमंत सोरेन
0651-2401957 (का.), 0651-2281118 (आ.), 0651-2401959 (फै.)
मो रू 9431100079
विस अध्यक्ष
विधानसभा अध्यक्ष, चंद्रेश्वर प्रसाद सिंह रू 9431170001, 0651-2440075 (का.)
0651-2307715 (फैक्स)
नेता प्रतिपक्ष
राजेंद्र प्रसाद सिंह , 9431164690
9811322971, 0651-2440100 (का.)
0651-2283541 (आ.)
आपका सीएम डॉट कॉम
शिकायत के लिए नंबर: 0651-3059999
झारखंड मोबाइल रेडियो: 08800097458
मंत्री
चंद्र प्रकाश चैधरी: 9431134157
0651-2490584 (का),
0651-2360174 (आ)
हाजी हुसैन अंसारी: 9470590765
0651-2400152 (का)
0651-2480394 (आ)
मथुरा प्रसाद महतो: 9431507453
8969171353
0651-2400219 (का)
0651-2480653 (आ)
चंपई सोरेन रू 9431374484
0651-2400228 (का)
0651-2400830 (फै)
गोपाल कृष्ण पातर (राजा पीटर)
9470367047, 0651-2407003 (का)
0651-2360253 (आ)
0651-2405605 (फै)
श्रीमती विमला प्रधान: 9431159411
0651-2407003 (का)
0651-2360253 (आ)
0651-2405605 (फै)
सत्यानंद झा (बाटुल): 9430168229
0651-2490518 (का)
0651-2491392 (फै)
पूर्व मुख्यमंत्री
बाबूलाल मरांडी: 9431175555, 9868180438, 0651-2246017 (का)
0651-2246017 (फै)
शिबू सोरेन रू 0651-2361351 (का)
0651-2361352 (आ)
0651-2361353 (फै)
मुख्य सचिव
सुशील कु चैधरी, मुख्य सचिव
9431115771, 0651-2400240 (का.)
0651-2400255 (फैक्स)
संजय कुमार मेहता, मुख्य सचिव के आप्त सचिव रू 9431647088
मंत्रिमंडल सचिवालय
प्रधान सचिव, 0651-2400221(का.)
0651-2400253 (फैक्स)
मंत्रिमंडल निगरानी
जेबी तुबिद, निगरानी आयुक्त: 9431171117
0651-2400033 (का)
0651-2400230 (फै)
नीरज सिन्हा, निगरानी एडीजी: 9939097626
गृह विभाग
सचिव - 0651-2400220 (का)
0651-2400230 (फैक्स)
09431171117 (मो.)
कारा महानिरीक्षक
0651-2400790 (का.)
0651-2400745 (फैक्स.)
09199109009 (मो.)
विशेष सचिव
0651-2400700
09431170170 (मो)
डीजीपी
पुलिस महानिदेशक, गौरीशंकर रथ
0651-2400737 (का.)
0651-2400738 (फैक्स)
09431602301 (मो.)
09431602302 (मो.)
एडीजी (मुख्यालय)
0651-2400895 (का.)
9431707006
एडीजी (विधि-व्यवस्था)
0651-2400721 (का.)
0651-2400998 (फै)
09431104217 (मो.)
अपराध अनुसंधान
अपर पुलिस महानिदेशक
0651-2490546, 2490377 (का)
9771432100
पुलिस महानिरीक्षक
0651-2490046 (का), 0651-2490295 (फै)
मानवाधिकार आयोग
अध्यक्ष रू 0651-2401000 (का)
0651-2241111 (आ), 9431108004
सदस्य रू 0651-2401138
9279888379
सचिव रू 0651-2401181, 9431396100
राज्य निर्वाचन आयोग
राज्य निर्वाचन आयुक्त, 0651-2284012 (का), 0651-2284048 (फै)
9431107389
सचिव, 0651-2284008, मो-9431188295
राज्य अल्पसंख्यक आयोग
डॉ गुलफाम मुजिबी, अध्यक्ष
0651-2400946, मो-9431362950
मो नईमुद्दीन खां, सचिव, मो-9431357274
वाणिज्य कर न्यायाधिकरण
अध्यक्ष, 0651-2282705 (का)
0651-2283445 (फै)
झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण
0651-2444144
उपभोक्ता आयोग
0651-2480171, 9431102665
राज्य विधि आयोग
अध्यक्ष: 0651-2284937, सदस्य सचिव - 0651-2284939, मो-9431707980
पिछड़ा वर्ग आयोग
0651-2441450, 9431535479
सदस्य सचिव, 0651-2441790
9973802663
राज्य विधिक सेवा प्राधिकार
कार्यपालक अध्यक्ष, 0651-2481352
सदस्य सचिव, 0651-2482392
8986601912
राज्य महिला आयोग
0651-2401849, हेमलता एस मोहन, अध्यक्ष रू
9431127552, वासवी किड़ो, सदस्य रू
0651-2401912, 9431103047
अनुसूचित जनजाति आयोग
एसआर तिरिया, अनुसंधान पदाधिकारी
0651-2341677 (का), 0651-2340368 (फै)
लोकायुक्त, झारखंड
न्यायमूर्ति अमरेश्वर सहाय, लोकायुक्त
0651-2282899 (का), 0651-2282444 (फै)
मो - 9431100495
राजेंद्र कु जुमनानी, सचिव
0651-2281160 (का), मो - 9431100347
पंचायती राज विभाग
गणोश प्रसाद, निदेशक, 9431190665
0651-2401727 (का), 0651-2401728 (फै)
ग्रामीण विकास विभाग
प्रधान सचिव, 0651-2400244 (का)
0651-2400245 (फै)
कृषि विभाग
अरुण कुमार सिंह, सचिव, 9431158012
0651-2490578 (का)
केके सोन, कृषि निदेशक , 9431708883
मनरेगा की शिकायत
नरेगा हेल्पलाइन नंबर रू 18003456527
जवाहर मेहता, समन्वयक, झारखंन नरेगा
वाच: 9430126909
झारखंड एंगेस्ट करप्शन
हेल्पलाइन नंबर: 9470110113 ध्9470103333
दुर्गा उरांव: 8969602483
पंकज कुमार यादव:      7488518639

Saturday, 17 November 2012

अब निवास का निर्धारण कर रहीं है गैस एजेंसी



आरटीआई द्वारा मांगी गई सूचना में स्थाई निवासी को बताया परदेशी
पिछले चार सालों से नहीं दी गैस की सप्लाई
पिछले कई सालों से लगा रहा है अपना कनैक्शन पाने की गुहार
जातीय मामलें के कारण बंद किए थे पूरे परिवार के गैस कनैक्शन बंद
पीड़ित ने ली न्यायालय की शरण 
मनमानी के चलते नहीं किेया संचालिका ने सत्यापन
मारहरा/एटा। गैस एजेंसी संचालकों की मनमानी सिर चढ़ कर बोल रही है। क्यों न हो आखिर आईओसी के आलाधिकारियों का हाथ उनके सिर पर रखा हुआ है तो उन्हें किस बात का भय है। चाहे उसके लिए अब किसी भी हद को पार करना पड़े। दो-दो माह के बाद गैस की सप्लाई, उपभोक्ताओं को कटिंग के सिलेंडर बेचना अपने हितों को साकार करने के लिए फर्जी तरीके से नए कनैक्शन जारी करना एक आम बात बन गई है। एरिया ऑफिस आगरा हो या फिर आईओसी का नोयडा ऑफिस हर तरफ बोल बाला इन गैस एजेंसी संचालकों का है। एक गैस एजेंसी संचालक ने तो हद ही कर दी। अपनी जातीय दुश्मनी निकालने के लिए चार वर्षों से उसका व उसके पूरे परिवार का गैस कनेक्शन बंद कर दिए, तथा सूचना का अधिकार का प्रयोग कर जब बंद करने का कारण पूंछा गया तेा संचालक ने अपने ही ढ़ंग में जबाब दिया। जबाब में कहा गया कि उक्त उपभोक्ता अपने पते पर रहता ही नही, जबकि उपभोक्ता की जमीन जायदाद मकान तथा संबंधित सभी साक्ष्य मौजूद हैं, इतना ही नहीं उपभोक्ता लगातार अपना कनेक्शन खुलवाने के लिए सालों से आईओसी के  कार्यालय के चक्कर काट रहा है तथा, टोल फ्री व मेल द्वारा अपनी शिकायत कर रहा है तथा संबंधित सभी साक्ष्यों को भी पेश कर रहा है, फिर भी आईओसी के अधिकारियों ने आज तक उसके कनैक्शन को खुलवाने के लिए तकल्लुफ नहीं उठाया है। आईओसी के अधिकारियों ने ये जांच पड़ताल करने की जरूरत भी नहीं समझी कि अगर उक्त उपभोक्ता अपने पते पर निवास नहीं कर रहा तो वो लगातार शिकायत क्यो कर रहा है, आज तक इतनी शिकायतों के बाद भी उपभोक्ता से संपर्क नहीं किया गया और नहीं उसकी समस्या का निदान किया गया है।  मामला मारहरा इंडेन गैस सेवा की संचालिका ने योगेन्द्र कुमार पिदौरा का गैस कनैक्शन बिना कोई कारण बताए बंद कर दिया गया, जबकि उपभोक्ता कई बार गैस एजेंसी पर अपने सत्यापन हेतु गया लेकिन संचालिका मीनेश कुमारी ने उसका सत्यापन नही किया। तथा संबंधित दस्तावेजों को भी फाड़कर फेंक दिया। जिसकी शिकायत आईओसी के अधिकारियों से भी की गई लेकिन कोई सुनवाई नहीं की गई। दरअसल योगेन्द्र कुमार ने गैस एजेंसी में होने वाली कालाबाजारी व धांधलेबाजी की शिकायत की थी, शिकायत के बाद गैस एजेंसी पर तो कोई कार्रवाई नहीं की गई लेकिन योगेन्द्र कुमार को अपना व अपने पूरे परिवार के कनेक्शनों से हाथ धोना पड़ा। न्याय पाने के लिए पीड़ित ने न्यायालय की शरण ली है।

Tuesday, 6 November 2012

list of fake connection of marhera indane gas sewa


this is the list of changing the rate of equipment of lpg cylender rate in may 2008, changing Rs. 850 to Rs. 1250. there are direct cut these connection, without any customer inforamation. In 2012 this information leak from this gas agency, in 2008 at that time marhera indane Gas Agency's application work send online after two-three day late.  equipment rate change in 15 may 2008, Rs. 850 upto Rs. 1250.

all the 110 cylender with fill with gas sale in the black in Rs. 2000+500.
that connection not gives to the customer till now.
many customer complaint to the sales officer, but no responce by th sales officer of IOCL.

Saturday, 3 November 2012

all the fake connection by Marhera indane gas sewa

Marhera Indane Gas Sewa Marhera Etah
All the customer complained to IOCL officers But None of the responce by sales officer.
I give you all the information about these gas connection list.

doc.        do. date   consumer no.      consumer Name         equipment AMT 
11543  13 may 08   03749    Sarvesh s/o Girish Chandra         2       1700
11544  13 may 08   03750    Nilama w/o Shri Ajay shankar     2       1700
11545  13 may 08   03751    Pappu s/o Sri Babu                     2       1700
11546  13 may 08   03752    Ganga Ram s/o Shri Nekse         2       1700
11547  13 may 08   03753    Ram kishan s/o Shri Ajab Singh    2     1700
11548  13 may 08   03754    Mamta Rani w/o Shri Om Prakash 2    1700
11549  13 may 08   03755    Surendra Kumar s/o Shri Ram Pr   2    1700
11550  13 may 08   03756    Ramveer s/o Chandan Singh           2   1700
11551  13 may 08   03757    Vineet s/o shri Ram babu               2   1700
11552  13 may 08   03758    Mamta w/o yogendra                     2   1700
11553  13 may 08   03759    Nem singh s/o Shri Lal singh           2  1700
11554  13 may 08   03760    Geetam Singh s/o Dal chanda         2   1700
11555  13 may 08   03761    Kamta Prasad s/o Sri kewal Ram   2   1700
11556  13 may 08   03762    Mukesh Kumar s/o Sri Bhupal       2   1700
11557  13 may 08   03763    Kallu Singh S/o Sri Ganga Ram      2   1700
11558  13 may 08   03764    Veeresh S/o Sri Pitam                   2   1700
11559  13 may 08   03765    Sona Devi s/o Sri Uma Shankar    2    1700
11560  13 may 08   03766    Ram Nivas s/o Sri Ram Singh       2    1700
11561  13 may 08   03767    Abhinay W/o Shri chaman Prakas  2   1700
11562  13 may 08   03768    Ram Kishor s/o Sri Angad             2   1700
11563  13 may 08   03769    Jay Mala w/o Shri Ram veer         2    1700
11564  13 may 08   03770    Ramu s/o Sri Ompal singh             2    1700
11565  13 may 08   03771    Manoj kumar s/o Sri Magan Lal    2    1700
11566  13 may 08   03772    Rajveeer s/o Sri Lal Singh             2   1700        
11567  13 may 08   03773    Anil s/o Sri Ram Babu                  2   1700
11568  13 may 08   03774    Mithilesh w/o Ved Prakash           2   1700
11569  13 may 08   03775    Satish Chandra s/o Ram Prakas    2  1700
11570  14 may 08   03776    Talewar s/o Sri Bhudev Singh       2  1700
11571  14 may 08   03777    Bhupal Singh s/o Sri Dale             2  1700
11572  14 may 08   03778    Rajendra s/o Chandra Pal            2  1700
11573  14 may 08   03779    Ajay Shaker s/o sri Om Prakas    2  1700
11574  14 may 08   03780    Magan Lal s/o Uma Shankar        2  1700
11575  14 may 08   03781    Narayan devi w/o Bhupal Singh    2   1700
11576  14 may 08   03782    Man Singh s/o Si Shiv                  2   1700
11577  14 may 08   03783    Kusuma w/o Suresh kumar          2   1700
11578  14 may 08   03784    Geeta w/o Sri Mukesh                  2  1700
11579  14 may 08   03785    Naresh kumari w/o Prem pal        2  1700
11580  14 may 08   03786    Usha Devi w/o Kripa Shanker      2  1700
11581  14 may 08   03787    Jal Devi w/o Sri Satish Chandra    2 1700
11582  14 may 08   03788    Vimal s/o Vyas Nandan                2  1700
11583  14 may 08   03789    Dushashan s/o Ganga Dhar           2  1700
11584  14 may 08   03790    Raj Kumar s/o Nathu ram             2 1700
11585  14 may 08   03791    Shukh Pal s/o Nathu Ram             2  1700
11586  14 may 08   03792    Vyas Nand s/o Jalim Singh            2  1700
11587  14 may 08   03793    Prem Pal s/o Dushashan                2  1700
11588  14 may 08   03794    Mohar Singh s/o Natthu Ram        2   1700
11589  14 may 08   03795    Shushma w/o Ram Kishan            2  1700
11590  14 may 08   03796    Pramod kumar s/o Deen Dayal     2  1700
11591  14 may 08   03797    Maduri w/o Vimal                        2  1700
11592  14 may 08   03798    Kusuma w/o Nathu Ram              2  1700
11593  14 may 08   03799    Ram Beti w/o Ram Kishan           2   1700
11594  14 may 08   03800    Allanoor s/o jammaluddin            2   1700
11595  14 may 08   03801    Munna Lal s/o Shri Nathu Ram    2   1700
11596  14 may 08   03802    Jamaluddin s/o Jeewan Khan       2   1700
11597  14 may 08   03803    Shailendra s/o Shiv Narayan        2   1700
11598  14 may 08   03804    Girish Chanda s/o Ram Charan   2    1700     

ham hai bhrashtachhari

india aggainst curreption ne apni kary pranali se sabko chakit kar diya. jo aj ki media nahi kar payi vo arvinda kejari wal ne kar dikhaya hai, jo raj kisi ko nahi pata the vo kejariwal ne khole hai, har din akhabaro, channells ko bas yahi intajar hota hai ki aaj kya naya dhamaka hoga. aaj kiska khulasa hoga. lekin mere jehan me ek bat rah rah kar uth rahi hai ki kewal ek kejariwal bhrashtachariyo ko dul chata sakta hai to socho jab sabhi bharatiy iske khilaf ho jayege to iska to namo nisan mit jayega.
dekha jaye to bhrashtachhar koi aur nahi swam ham hi karate hai, har chhti se chhoti bastu kharidane par usme bargaining karte hai, lekin kya sochte hai ki kya dukandar hame kam dam me koi bastu kyo de raha hai. we are all fully currepted.

Tuesday, 4 September 2012

इनसे सीखे कैसे की जाती है दबंगई

मीनेश कुमारी मारहरा इंडेन गैस सेवा की प्रोपराइटर पेशे से एक अधिवक्ता भी हैं इनका काम लोगों से अपनी गैस एजेंसी में धन लगवाना और धन वापसी के नाम उसके व उसके परिवारीजनों जहां तक के उसके रिश्तेदारों पर झूठें मुकददमें लगाना। वो ऐसा उक्त इंसान पर दबाव बनाने की नीयत से करती हैं। मीनेश कुमारी कोर्ट के द्वारा 156;3 से मुकददमा दर्ज करती हैं और इलाका पुलिस को पैसे देकर अपने मनमाफिक चार्ज शीट लगवा देंती हैं। मीनेश कुमारी ऐसा तब तक करती है जब तक सामने वाले को मजबूर होकर उनके सामने हाथ पांव न जोडने लगे। और धन वापसी तो दूर उसको धन देकर छुटकारा न मांगने लगे।ऐसा नै करने वाले के खिलाफ मीनेश कुमारी लगातार झूठी व मनगंणत कहानी बनाकर कोर्ट द्वारा मुकददमे लगाती हैं जब तक वो पूरी तरह से जिला बदर न करवा दें। ऐसे उन्होंन एक साथ नहीं बल्कि बींसियों लोगों के साथ कर चुकी हैं। मीनेश कुमारी एक अविवाहित 57 साल की महिला है और उसके भतीजे भतीजियां सभी हैं। मीनेश कुमारी अपने सगे भतीजों से भी 27 सालों से प्रोपर्टी को लेकर केश लड रही है। मीनेश कुमारी लगातार लोगों को अपना शिकार बनाती है। ऐसा ही बाकया लगातार योगेन्द्र कुमार व उनके परिवार व उनके रिश्तेदारों के साथ करती चली आ रही हैं। मीनेश कुमारी ने सन् 2012 में ही कोर्ट द्वारा कभी लूटपाट का तो कभी धमकी का तो कभी गालीगलौज का मुकददमा कोर्ट के द्वारा लगाने का प्रयास कर रहीं हैं। जबकि इस सन्दर्भ में योगेन्द्र कुमार लगातार तार द्वारा शासन प्रशासन को सूचित करते चले आ रहें हैं लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही। क्योकि मीनेश कुमारी ने बईमानी कर व गैस की कालाबाजारी कर इतना धन कमा लिया है कि वो पुलिस व इंडियन आॅयल के कर्मचारियों का मुंह आराम से बन्द कर देती है। कई सालों से गैस की काला बाजारी व फर्जी कनैक्शनो को लेकर शिकायत करने के बावजूद  भी आज तक गैस एजेंसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नही ंकी गई मतलब स्पष्ट  है। यही हाल इलाका पुलिस का है मीनेश कुमारी ने योगेन्द्र कुमार के साथ अपने कर्मचारियों के साथ मिलकर मारपीट की और उन्हें जान से मारने की कोशिश भी की लेकिन इलाका पुलिस ने न तो उनकी एफआईआर लिखी और कोर्ट द्वारा शिकायत करने के बावजूद भी योगेन्द्र कुमार से पुलिस ने कोई संपर्क नहीं किया और उनके मुकददमें केा शुरू करने से पहले ही उस पर एफआर लगा दी और मामले को खत्म करने की कोशिश की।

हम इनके द्वारा प्रताडित लोगों के बारे में भी आपको और बताएंगे

अगर आपकी भी कोई ऐसी स्टोरी हैं तो आप हमसे शेयर कर सकते हैं हमसे संपर्क करने के लिए मेल करें 4medianews@gmail.com

Wednesday, 22 August 2012

kalabajari of a gas silender by marhera indane gas sewa (loose system of iocl officers)

इंडियन आॅयल कोर्पोरेशन के कर्मचारियों को  मारहरा  इंडेन गैस सेवा के खिलाफ करीब पचास के आसपास मेल व कई रजिस्ट्री करने  के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।  जिससे जनता में आक्रोश बढ़ता ही जा रहा है। गैस एजेंसी में बढ़ती अनियमितताओं के कारण सभी उपभोक्ता परेशान है। गैस एजेंसी संचालिका ने एक ही गांव के करीब अस्सी प्रतिशत कनैक्शन बन्द कर दिए है। जिसको लेकर ग्रामीणों में खासा रोष भरा हुआ है और अधिकारियों को लिखित में शिकायत भी भेजी गई है लेकिन आज तक आई ओ  सी के किसी भी अधिकारी ने कोई सुनवाई नहीं की है। उन कनैक्शनों को  इसलिए बन्द किया गया है क्योंकि उन लोगों ने गैस एजेंसी द्वारा की जा रही कालाबाजारी की शिकायत आई ओ सी के आलाधिकारियों को की गई थी

tax evation by marhera indane gas sewa मारहरा इंडेन गैस सेवा ने की टैक्स चोरी

मारहरा इंडेन गैस सेवा की शिकायत करने के बाद भी आज तक कोई भी प्रतिक्रिया सामने नहीं आई हैं। न तो कोई आईओसी की तरफ से कार्रवाई हुई और न ही प्रशासन ही इस मसले पर कुछ करना चाह रहा है। ऐसा लगता है जैसे आईओसी के अधिकारी स्वयं ये सब अनिमितताए करने की गैस एजेंसी संचालकों को छूट देते हैऔर दिखावे के लिए नियम कानून बनाए हुए हैं जिससे ग्राहक आश्वस्त रहें। लेकिन इस तरह की लापरवाही एक वल्र्ड ट्रेड कंपनी के अधिकारियों को शोभा नहीं देती। अधिकारियों को चाहिए कि सर्वप्रथम उसके लिए उपभोक्ता की जरूरतें सर्वमान्य होनी चाहिए ्िरजससे इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन की छवि लोगों के मस्तिष्क में खराब न हो । इस तरह के निराशाजनक परिणामों से दुष्परिणाम सामने आने लगे हैं। अब मारहरा इंडेन गैस सेवा की सांचालिका की दादागीरी ने हद पार कर रही है। एक ही गांव के अस्सी प्रतिशत कनेक्शनों को महज इसलिए बंद कर दिया क्योंकि उस गांव के लोगों ने गांव में सेल्स ऑफीसर को लिखित में शिकायत की थी। जिसके पश्चात सेल्स ऑफीसर विशाल गर्ग ने गैस एजेंसी के संचालिको के खिलाफ कोई कार्रवाई न कर उन सभी कनैक्शनों को बंद करवा दिया । मारहरा इंडेन की संचालिका ने अधिकांश उपभोक्ताओं  को गैस कनैक्शन का कोई प्रमाण पत्र भी नहीं दिया है। साथ ही मारहरा इंडेन गैस सेवा में नए कनैक्शनों के साथ जबरन गैस चूल्हा दिया जा रहा है जिसकी उपभोक्ताओं को रसीद नहीं दी जा रही है। करीब दो सौ से भी ज्यादा गैस चूल्हे टैक्स चोरी करके बेचे जा रहे हैं। अब विचारे ग्र्राहक शिकायत करें भी तो किससे क्योंकि उनकी कोई सुनने वाला नहीं हैं।
अगर आपको अपने कर्तव्यों का जरा भी खयाल है तो मारहरा इंडेन गैस सेवा की जांच करें और उपभोक्ताओं के साथ न्याय करें।
किसी भी जानकारी के लिए हम आपके सहयोग के लिए तत्पर हैं।
कृपया सूचनार्थ पर ध्यान दें और जनहित के कार्य में सहयोग करें, आपका छोटा सा सहयोग हजारों उपभोक्ताओं को खुशी दे सकता है

Tuesday, 7 August 2012

marehra indane gas sewa is full of irregularity मारहरा इंडेन गैस सेवा

सेल्स ऑफीसर की मिली भगत से मारहरा इंडेन गैस सेवा पर गोरखधंधा चल रहा है। ग्राहको व मीडियां द्वारा किए गए खुलासे के बाद २५ जुलाई को की गई जांच के बाद सेल्स ऑफीसर ने आज तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की हैं। दो हजार फर्जी कनैक्शनों की लिस्ट में से भेजे गए कुछ कनैक्शनों को कार्रवाई के नाम पर बंद करवा दिया है। उन पर भी गैस एजेंसी की संचालिका द्वारा पैसे की खूब वसूली की जा रही है। बन्द कनैक्शनों को खुलवाने के लिए गैस गोदाम पर ही बैठ कर सत्यापन किया जा रहा है और दुकानदारों के कनैक्शनों को हजार- हजार रुपए लेकर पुन: नई किताब बनाई जा रही है और सही उपभोक्ताओं को न तो कागजात ही दिए गए हैं और न हीं उनका सत्यापन किया जा रहा है जबकि आईओसी के  नियमानुसार सत्यापन का कार्य घर-घर जा कर किया जाता है।  उपभोक्ताओं के लिखित में शिकायत करने के बावजूद भी सेल्स ऑफीसर ने उनके कनैक्शनों केा सही उपभोक्ता तक नहीं पहुंचाया है। गांव के प्रधान द्वारा निवास प्रमाण पत्र व सभी तरह के दस्तावेजों को देने के बावजूद भी सही उपभोक्ताओं के कंनैक्शन नहीं खोले जा रहे हैं। संचालिका अपनी मनमानी से बाज नहीं आ रहीं हैं और खुलकर गैस की कालाबाजारी कर रहीं हैं।


सेल्स ऑफीसर द्वारा की गई लापरवाई क्रमश:

फर्जी कनैक्शन पर की जानी चाहिए ठोस कार्रवाई
मनमाने ढग़ से उपभोक्ताओं को परेशान करने पर भी लगना चाहिए जुर्माना
 सही उपभोक्ताओं की गैस रोकने पर भी लगता है जुर्माना

Friday, 3 August 2012

मारहरा इंडेन गैस सेवा पर सेल्स आॅफीसर द्वारा कार्रवाई न करने पर मुंबई आईओसी को लिखा पत्र

mahera indane gas sewa complaint
लगतार लंबे समय से शिकायत करते चले आ रहे योगेन्द्र कुमार पुत्र श्री सतीश चंद्र दीक्षित उपभोक्ता संख्या 03118 मारहरा इंडेन गैस सेवा के ग्राहक हैं। जिनका कनैक्शन करीब तीन वर्ष से संचालिका की मनमानी से बंद करा दिया है। जिसकी शिकायत उपभोक्ता लगातार आईओसी से इंटरनेट द्वारा करता चला आ रहा है। लेकिन आजतक उनके कनैक्शन को खुलवाया नहीं गया है।
श्रीमान जी मारहरा इंडेन गैस एजेंसी पर खुलकर कालाबाजारी होती है। लेकिन शिकायत करने के बावजूद भी आजतक कोई कार्रवाई नहीं की गई।
महोदय मारहरा इंडेन गैस एजेंसी पर छह हजार कनैक्शनों में से लगभग दो हजार कनैक्शन फर्जी हैं। जिसकी शिकायत भी मेल द्वारा की गई और कुछ बतौर सबूत कनैक्शनों की लिस्ट भी भेजी गई जिसपर दिनांक 25 जुलाई को यूपी जान सेंकंड अलीगढ के सेल्स आॅफीसर विशाल गर्ग द्वारा गांव पिदौरा पहुंचकर जांच की गई जिसमें उपभोक्ताओं ने लिखित में बयान दिए। बयानों में मुख्यतया कहा गया ’’ मारहरा इंडेन गैस सेवा की संचालिका द्वारा नए कनेक्शनों के रुपए व जरूरी दस्तावेजो को लेने के बाद भी आज तक गैस कनैक्शन नहीं दिए गए हैं’’ जबकि श्रीमान जी मारहरा इंडेन गैस सेवा की संचालिका द्वारा वे कनेक्शन सिलेंडर की एमटी महंगी होने से पहले अर्थात 850 से 1250 रुपए होने पर संचालिका द्वारा उक्त सभी दस्तावेजों का प्रयोग किया गया और उन सभी कनैक्शनों पर सीधे डीबीसी दुकानदारों को एमटी समेत गैस की कालाबाजरी की गयी और उन कनैक्शनों को थोडे दिन चलाने के बाद बन्द कर दिया गया। यह ग्राहकों व आईओसी के साथ बहुत बडी धोखाधडी थी। लेकिन श्रीमान जी सेल्स आॅफीसर द्वारा जांच करने के उपरान्त बाकी भेजी गई लिस्ट के अनुसार कनैक्शनों को बन्द करवा दिया गया और गैस एजेंसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।
जबकि आईओसी के नियमानुसार फर्जी कनैक्शन पाए जाने पर गैस एजेंसी पर भारी जुर्माना किया जाता है। और दो वर्षो में लगातार तीन बडी अनियमितताएं पाए जाने पर एजेंसी का लाइसेंस रदद करने का प्रावधान है। लेकिन सेल्स आॅफीसर द्वारा आईओसी के नियमों की धज्जियां उडा दी गई और उपभोक्ताओं की शिकायतों को दरकिनार कर दिया।
एजेंसी की संवालिका एक अधिवक्ता भी हैं और वाक चातुर्य बहुत है। वो पैसे के बल पर किसी को भी खरीद लेती हैं। अगर श्रीमान जी आप हमारा न्याय नहीं करते तो हम सभी उपभोक्ता हाईकोर्ट की शरण में जाएंगें।
अतः श्रीमान जी से निवेदन है कि मारहरा इंडेन गैस सेवा मारहरा एटा की जांच बाहरी टीम द्वारा य सीबीआई द्वारा कराने की कृपा करें और उपभोक्ताओं के साथ न्याय करें।
आपकी महान कृपा होगी।धन्यवाद                                                                         प्रार्थी
                                                                  योगेंद्र कुमार, चमन प्रकाश
                                                                   प्रमोद कुमार, सर्वेश कुमार,
                                                   विमल कुमार, कुषमा देवी.  रामबेटी ,
                                                  गंगाराम, मनोज, व्यास नन्दन आदि।

Wednesday, 25 July 2012

गैस एजेंसी की शिकायत होने पर हुई जांच (two thosand bogus connection in marhera indane gas sewa)

एटा। मारहरा इंडेन गैस सेवा के उपभोक्ता संख्या 03118 योगेन्द्र कुमार पुत्र सतीश चन्द्र पिदौरा ने आईओसी के उच्चाधिकरियों को गैस की कालाबाजारी व फर्जी कनैक्शनों के बारे में दो वर्षो से लगातार लिखित में शिकायत करने पर 25 जुलाई 2012 को सेल्स आॅफीसर द्वारा जांच की गई। जिसमें सेल्स आॅफीसर (sales officer) ने प्रमोद कुमार पुत्र दीनदयाल गिरीश चन्द्र पुत्र रामचरन चमन प्रकाश पुत्र सतीश चन्द्र सर्वेश कुमार पुत्र गिरीश चन्द्र नीलिमा पत्नी अजय शंकर सक्सेना उषा पत्नी कृपा शंकर सक्सेना आदि उपभोक्ताओं के लिखित में बयान लिए जिसमें उपभोक्ताओं ने गैस एजेंसी की अनियमिततओं का खुलासा किया। उपभोक्ताओं से गैस कनैक्शन के लिए रुपए देने के बावजूद भी आज तक कनैक्शन नहीं दिया जबकि चार वर्ष पहले ही उक्त उपभोक्ताओं के कनैक्शन संचालिका द्वारा फर्जी तरीके से किए गए जिन पर खुलेआम गैस की कालाबाजारी की जा रही है। अब देखना होगा कि जांचकर्ता द्वारा उपभोक्ताओं के बयानों पर एजेंसी की संचालिका पर क्या कार्रवाई की जाती है।

Wednesday, 18 July 2012

two thousand fake connection in marhera indane gas sewa

marhera indane gas sewa (iocl)  is a frod agency.
मारहरा इंडेन गैस सेवा की संचालिका मीनेश कुमारी अपनी दंबगई व आईओसी के अधिकारियों की शय पर एजेंसी पर हजारों फर्जी कनैक्शन, भारी तादात में चला रहीं हैं जबकि संचालिका उपभोक्ताओं से अवैध धन कमाने के लिए हर दो माह में एक बार सत्यापन करातीं हैं। लेकिन आज तक एजेंसी पर चल रहे फर्जी कनैक्शन बन्द नहीं किए गए है। उपभोक्ताओं द्वारा फर्जी कनेक्शन की शिकायत इंटरनेट व लिखित में आईओसी के अधिकारियों को लगातार की जा रही हैं लेकिन आजतक उनकी शिकायतों पर एक बार भी गैस एजेंसी पर कोई कार्रवाई नही की गई है। एजेंसी पर हालात इतने गंभीर हैं कि आए दिन उपभोक्ताओं के साथ मार पीट होती ही रहती है। एजेंसी संचालिका पेशे से अधिवक्ता भी है जो कि शिकायत करने वाले उपभोक्ताओं के खिलाफ मनगंणंत कहानी बनाकर झूठा मुकददमा भी दर्ज करा देती है। न्याज नगर के विमल कुमार ने बातचीत में बताया कि वे गैस एजेंसी पर करीब चार साल से चक्कर लगा रहे हैं लेकिन आज तक मेरे गैस के कागजात बनाकर नही दिए है। जब एलपीजी पोर्टल के द्वारा उनके कनैक्शन की जानकारी ली तो पता चला कि उनके कनैक्शन पर लगातार गैस की सप्लाई की जा रही है। लेकिन गैस का एक भी सिलेंडर उपभोक्ता को नही मिला हैं। चार वर्ष पहले उन्होंने अपना कनैक्शन कराने हेतु एजेंसी पर अपने कागजाद व 3600 रुपए जमा कराए थे लेकिन उसके बाद से ही उन्हें लगातार यह कहकर टाल दिया जाता है कि अभी कनैक्शन आॅपन नहीं हुए हैं या अब बन्द हो गए हैं लेकिन उपभोक्ता का कनैक्शन उसी समय कर लिया गया था इसका खुलासा भी एलपीजी पोर्टल द्वारा हुआ है और उस कनैक्शन पर सुचारू रूप से गैस की कालाबाजारी की जा रही है। एसे बहुत से कनैक्शन हैं जिनको कि मारहरा इंडेन गैस सेवा की संचालिका ने गलत पते मारहरा गेट आदि अन्य कई पतों पर कर रखे हैं और खुलकर गैस की कालाबाजारी की जा रही है।

लगातार दो वर्षों से उपभोक्ता निम्न बिन्दुओ पर भेज रहा है अपनी शिकायत लेकिन आईओसी के अधिकारियों के कान में नहीं रेंग रही जूं
विषय: बारबार सूचित करने के बाद भी नहीं हुइ कोई कार्रवाई


गैस एजेंसी पर चल रहे है दो हजार से भी ज्यादा फर्जी कनेक्शन जिसको साबित करने के लिए है पर्याप्त सुबूत
मनमाने ढग से चल रही है गैस की कालाबाजारी
जब जब छापे मारे गए हैं तब तब पायी गई हैं अनियमितताएं डीएम के आदेशों का भी किया गैस एजेंसी की संचालिका ने उलंघन
जिलाधिकारी के छापेमारी में मिले थे 306 सिंलेडर अतिरिक्त जिनका कहीं कोई लेखा जाखा नहीं था। साथ स्टाॅक रजिस्टर में भी नहीं थी कोई एंटी
आउटडेटिड कांटे का किया जा रहा था गैस गोदाम पर उपयोग
किया गया था गैस एजेंसी के खिलाफ मुकददमा दर्ज
लेकिन इतने सब के बाद भी नहीं हैं कोई सुधार उसी ढंग से चल रही है गैस एजेंसी
अभी भी गैस गोदाम से की जा रही है सप्लाई
नहीं किया जा रहा कैश एडं कैरी का खेल बंद
गैस एमटी की कीमत में इजाफा होने से पहले ही किया गया था गैस एजेंसी की संचालिका द्वारा किया गया था घोटाला
घोटाले में करीब सौ भरे हुए सिलेंडरों दुकानदारों को बेचा गया था
गलत ढग से किए गए थे 50 फर्जी कनैक्शन जिन कनैक्शनों पर की गई थी सीधे डीबीसी
850 से 1250 रुपए कीमत होने से पहले किया गया था घोटाला
न्ए कनैक्शन कराने वाले उपभोक्ताओं पर जबरन थोपा जाता है गैस चूल्हा
उपभोक्ताओं के अधिकारों का खुलेआम हो रहा है हनन
गैस ण्जेंसी संचालिका एक वकील भी है जिस कारण उपभोक्ताओं के शिकायत करने पर कर देती है झूठा मुकददमा
अभी तक आईओसी द्वारा नहीं की गयी कोई भी कार्रवाई
आईओसी के अधिकारी नहीं सुन रहे हैं मारहरा इंडेन गैस सेवा की कोई भी शिकायत
बार बार लिखित में व नेट द्वारा भेजी गई शिकायतों को कर दिया जाता है दरकिनार
उपभोक्ताओं में जागरुकता की कमी का उठाया जा रहा है पूरा फायदा

न्
अखबारों में छपी मारहरा इंडेन गैस सेवा की अनियमितताओं की खबरें


गैस एजेंसी पर छापा, मिलीं अनियमितताएं
दैनिक जागरण में छपी हुई न्यूज,
, 03 फरवरी 2012

एटा, निज प्रतिनिधिरू गैस एजेंसी संचालकों की मनमानी बंद होने का नाम नहीं ले रही। मारहरा गैस एजेंसी पर डीएम के आदेश के बाद भी कैश एंड कैरी व्यवस्था को बंद नहीं किया गया है। इसका खुलासा जिलापूर्ति अधिकारी के छापे के दौरान हुआ। एजेंसी पर कई तरह की अनियमितताएं पाई गई। डीएम के आदेश पर एजेंसी संचालक के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।

दरअसल पिछले दिनों एजेंसी संचालकों की बैठक में जिलाधिकारी वाई.के. बहल ने कैश एंड कैरी व्यवस्था को खत्म कर 48 घंटे के भीतर होम डिलीवरी के निर्देश दिये थे। जिलाधिकारी ने स्पष्ट कहा था कि 1 फरवरी से होम डिलीवरी की व्यवस्था सुनिश्चित कर ली जाए। बावजूद इसके गैस एजेंसी संचालकों ने कैश एंड कैरी व्यवस्था को खत्म नहीं किया। लिहाजा रसोई गैस की समस्या बढ़ गई। मारहरा में जिलाधिकारी के आदेश को दरकिनार कर दिया गया। वहां पर पहले की भांति कैश एंड कैरी की व्यवस्था जारी रही। एजेंसी संचालक की मनमानी के कारण क्षेत्र के रसोई गैस उपभोक्ताओं को गैस की किल्लत से जूझना पड़ रहा था। मारहरा से मिल रहीं शिकायतों पर गुरुवार को प्रभारी जिला पूर्ति अधिकारी और डिप्टी आरएमओ नरेन्द्र कुमार ने मारहरा इंडेन गैस एजेंसी पर छापा मारा। डीएसओ को देखते ही एजेंसी पर अफरा-तफरी मच गई। एजेंसी पर 306 सिलेंडरों की कोई एंट्री नहीं मिली। स्टॉक बोर्ड और रजिस्टर में भी सिलेंडरों का लेखा जोखा नहीं मिला। इसके अलावा डीएसओ ने अनाधिकृत स्थान हनुमान चैक पर गैस का कैश एन्ड कैरी व्यवस्था के तहत वितरण पाया। जिलाधिकारी के निर्देश पर पूर्ति निरीक्षक सतीश चन्द्र ने एजेंसी संचालिका मीनेश कुमारी यादव के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा 3ध्7 के तहत रिपोर्ट कराई है। डीएसओ नरेन्द्र कुमार ने एजेंसी संचालकों को निर्देश दिये हैं कि वे जिलाधिकारी के आदेशों के अनुरूप कैश एंड कैरी व्यवस्था को पूरी तरह समाप्त कर दें। 48 घंटे के भीतर होम डिलीवरी सुनिश्चित करें। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि कोई भी एजेंसी संचालक कैश एंड कैरी व्यवस्था को करते पाया जाता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।



अमरउजाला में छपी न्यूज



कनेक्शन सत्यापन के नाम पर अवैध वसूली
9 दिसंबर 2011 को अमर उजाला में छपी हुई न्यूज

मारहरा। कसबाई गैस उपभोक्ता लगातार 10 वर्षों से जनपदीय प्रशासनिक अधिकारियों से कैश एंड कैरी सुविधा का लाभ पाने के लिए मांग कर रहे हैं, लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात है।
बताते चलें कि कैश एंड कैरी सुविधा के तहत उपभोक्ताओं को आठ रुपये की छूट मिलती है। उपभोक्ताओं को होम डिलीवरी करानी हो या गोेदाम जाकर स्वयं गैस लेनी हो जिसके लिए उन्हें चार सौ रुपये देने होते हैं। तों वहीं वर्तमान में छह हजार उपभोक्ताओं से गैस एजेंसी संचालिक कैश एंड कैरी सुविधा के तहत हर महीने पचास हजार रुपये से भी अधिक की काली कमाई कर रहे हैं । गैस कनेक्शनों के सत्यापन के नाम पर भी 50 रुपये की अवैध वसूली की जा रही है।
नगला परसी अनार सिंह ने बताया कि वह 11 नबंवर को गैस लेने गोदाम गए थे वहां मौजूद कर्मचारी ने बताया कि गैस खत्म हो चुकी है तभी अचानक दो लोग गोदाम पहुंचे और उन्होंने बिना किताब दिए 10 सिलेंडर देकर चले गए, इसको लेकर उपभोक्ता और कर्मचारी के बीच कहासुनी हुई। कर्मचारी ने उपभोक्ता से अभद्रता भी की और उसे गैस भी नहीं दी। इस तरह के मामले लगातार संज्ञान में आ रहे हैं। जमकर गैस की कालाबाजारी हो रही है जिस ओर कोई अधिकारी ध्यान नहीं दे रहा है। एरिया सेल्स मैनेजर विकास सहदेव का कहना है कि इन मामलों की जांच कराएंगे और उपभोक्ताओं को बेहतर सुविधाएं दी जाएगी।
बाक्स
फर्जी गैस कनेक्शनों की भरमार
मारहरा (ब्यूरो)। कसबा के गैस उपभोक्ताओं ने गैस एजेंसी संचालिका पर फर्जी गैस कनेक्शन करने का आरोप लगाते हुए कहा कि उपभोक्ताओं के कनेक्शन के सत्यापन को लेकर उन्हें परेशान किया जा रहा है जबकि एजेंसी संचालिका ने स्वयं फर्जी कनेक्शन कर रखे हैं। कसबे के अतीक अहमद के अलावा भी दर्जनों कसबावासियों ने बताया कि गैस एजेंसी संचालिका ने एटा के मारहरा दरवाजा के नाम से दर्जनों फर्जी कनेक्शन किए हुए हैं। गैस एजेंसी संचालिका मीनेश कुमारी का कहना है कि उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए गैस कनेक्शनों का सत्यापन किया जा रहा है। गैस की कालाबाजारी बिल्कुल भी नहीं हो रही है और किसी भी प्रकार की अवैध वसूली नहीं की जा रही है।



ऐसे न जाने अब तक कितनी ही बार छापेमारी हुई लेकिन आजतक कोई भी कार्रवाई स्पष्ठ रूप से सामने नहीं आई। आज तक कोई भी छापे मारी आईओसी द्वारा नही ं की गई।
मार्केंटिंग डिसीप्लेन गाइड लाइसं फोर एलपीजी 2000 के तहत दो वर्षों मंे लगातार तीन बार अनियमितताए पााए जाने पर गैस एजेंसी को टर्मिनेट करने का प्रावधान क्रमशः इस प्रकार है
पहली बार गैस एजेंसी पर पाई गई अनियमितता पर दस हजार रुपए व अन्य और जुर्माना लगाया जाता है
दूसरी बार अनियमितता पाए जाने पर 25000 हजार रुपए का हर्जाना और चेतावनी दी जाती है।
लेकिन तीसरी बार अनियमितता पाए जाने पर गैस एजेंसी को टर्मिनेट कर दिया जाता है।
लेकिन मारहार इंडेन गैस सेवा के साथ ऐसा कुछ भी नही हुआ।
आजतक आईओसी के अधिकारियों ने गैस एजेंसी के खिलाफ एक बार भी दण्डात्मक कार्रवाई नहीं की।
आए दिन उपभोक्ता टाॅलफ्री नंबर नेट व लिखित में समस्याएं भेजते हैं। लेकिन अधिकारियों के कान में जूं क्यों नहीं रेंग रही हैं।

एजेंसी पर दो वर्षों में तीन बार अनियमितताए पाए जाने पर टर्मिनेट करने का प्रावधान है और पहली दो अनियमितताओं पर जुर्माना किया जाता है।
ल्ेकिन मारहरा इंडेन गैस सेवा तो अनियमितताओं का भंडार है। फिर क्या कारण है कि गैस एजेंसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। उपभोक्ता के बार बार शिकायत करने के बाद कोई जांच क्यों नहीं की जा रही है। गैस एजेंसी की संचालिका की मनमानी से एक घर के अलग अलग रहने वाले सभी उपभोक्ताओं के कनैक्शन बन्द कर दिए जाते हैं और बार बार शिकायत करने के बाद भी उसकी कोई सुनवाई नहीं होती जबकि वहीं दूसरी तरफ गैस एजेंसी संचालिका के चहेतों के भाई भाभी बीबी मां बाप आदि सभी के कनैक्शन किए जाते है। तो फिर इन सबके खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नही की जाती।

गैस गोदाम पर एजेंसी की संचालिका व गैस गोदाम इंचार्ज की मिली भगत से गैस की रिफलिंग की जाती है और सभी गैस सिलेंडरों में से गैस निकालकर नए सिलेंडर तैयार किए जा रहे हैं। फिर भी इतने बडे कारनामों को अंजाम देने वाल संचालिका के खिलाफ क्यो नहीं हो रही कोई कार्रवाई।
हालत कुछ इस प्रकार गंभीर है कि शिकायतकर्ता के शिकायत पहुंचते ही कर दिया जाता है संचालिका को सूचित
अर्थात इनके तार उपर तक जुडे हुए है। शायद इसलिए कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
 

Friday, 17 February 2012

NGO - पं स्वं श्री रामचरन दीक्षित जनकल्याण सेवा संस्थान

IF YOU ARE INTERESTED IN THAT NGO
contact me_____ yogendra1dixit@yahoo.in

1. Poor, orphans, elderly people and for the welfare of helpless self-sufficient for the government to run various welfare schemes being implemented with financial support and access to village and free through technical training / matches to make them self-supporting and self-reliant and shelter them literate and illiterate people to set up a literacy program on the literacy and to establish a special scholarship.
2.and awareness camps organized from time to time.
3. Citizens and to raise social awareness through advertising posters, banners, etc. and suggest measures to avoid AIDS and Hepatitis and AIDS Brks effective efforts to curb.
4. Institution for the children to make them self-sufficient and self reliant free technical and vocational, medical education and training by giving up Unhenatm to qualified citizens to cooperate in developing and Rasht.
5. In areas of central and state government run by Social Welfare Department and related departments to implement various schemes to provide contact and support....
6. The purpose of the institution from time to time, cultural programs, seminars, health camps, awareness camps, art exhibition and free non-formal education programs, adult education program on Child Labour Prohibition poverty eradication program.
7.to propagate.
8.and to computer education and training of scientific disciplines.
9. The current system, according to the students of the institution to provide education and medieval cuisine.
10. Dowry-free mass marriages of poor girls of the society to organize and to impel deserted and widows remarried.
11. The plans for the treatment of disabled run by the government to help and to provide free hospital.
12. In order to reduce environmental pollution to balance Bnnaie to plantation and nursery establishment and empty and barren Bhumipr Usr lying to the government and through the dense Vrikshikrn Vnkrna promotion.
13. Under food processing and food processing to packing fruit treatment under the protection of natural items to make dinner.
14. Institution for the benefit of citizens in rural areas, library, reading room, Kreedhaly hostel and provision of disabled and child labor school and community centers, animal hospitals and other charitable institutions, educational institutions, hospice organizations free dispensary building and operating systems Vddhasrm orphanage up. Food, clothing and medical books for poor and disabled facilities, ambulance, etc. Free Uplbdha.
16.Carpet, Dranig painting, arts training and shorthand typing and computer training, hardware, software, Internet, electric, electronics, fashion Dijaynig, etc. I am trained and self-making and awareness of them.
17. Deaf blind leprosy patients and open society such as the required Viklagon and destitute poor to work for the welfare of elderly persons and children of the Ashram orphanage and old age free to establish
18. For development of poor and orphaned people and Picden Central and State Government departments concerned Ministries like the Ministry of Health and Family Welfare, Women's Fund UNICEF HUDCO, Child Development, CAPART, Naward Naurad Award, Suda, Duda, Sidvi, National Women's Welfare Corporation, National Bal Bhavan, Ministry of handmade textile crafts, Ministry of Environment, Srmmntraly, Rajivgadhi Foundation, World Swasthesngtn Science and Technology Council, etc. emanating from the financial support by running various welfare schemes and programs to citizens of all round development.
20. Districts in other cities under the body of this organization is to provide features such as opening new Upasmitiyo.
21.State Government / Government of India was allowed to operate as well as cramps.


1. निर्धन ,अनाथ ,असहाय लोगों एवं वृद्धजनों के कल्याण हेतु आत्म निर्भर बनाने हेतु सरकार के वित्तीय सहयोग से चलाई जा रही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं को चलाना व सुलभ ग्रामोद्योग एवं नि:शुल्क तकनीकि प्रशिक्षण देकर/ दिलाकर उन्हें स्वावलम्बी एवं आत्म निर्भर बनाना तथा उनके आश्रय स्थल की स्थापना करना एवं निरक्षर लोगों को साक्षर बनाने हेतु साक्षरता साक्षरता कार्यक्रम चलाना तथा विशेष छात्रवृत्ति की स्थापना करना।
2 . नागरिकों के सर्वागीण विकास हेतु शहरी एवं ग्राम्य क्षेत्र के पिछड़े एवं मलिन बस्तियों में स्वछता ,साक्षरता परिवार नियोजन मातृ शिशु पोषण महिला एवं बाल विकास कार्यक्रम बालटीकाकरण कार्यक्रमों आदि को चलाया व शिक्षा केन्द्रों की स्थापना करना तथा उनके कल्याण हेतु सरकार की योजनाओं की उन्हें जानकारी देना एवं समय समय पर जागरूकता शिविरों का आयोजक करना।
3. नागरिकों में सामाजिक जनचेतना जागृत कराना एवं विज्ञापन पोस्टर बैनर आदि के माध्यम से एडस् एवं हैपेटाइटस के बचने के उपाय सुझाना एवं एड्स से प्रभावी अंकुश लगाने का भरकस प्रयास करना।
4.  संस्था का उद्देश्य बच्चों को स्वावलम्बी एवं आत्म निर्भर बनाने हेतु उन्हे नि: शुल्क तकनीकि एवं व्यावसायिक ,चिकित्सकीय शिक्षण प्रशिक्षण देकर उन्हेंआत्म निर्भर एवं योग्य नागरिक बनाना व राष्ट विकास में सहयोग करना।
5. कार्यक्षेत्र में केन्द्रीय एवं राज्य सरकार समाज कल्याण विभाग द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं को कार्यान्वित करना एवं सम्बन्धित विभागों से सम्पर्क स्थापित कर सहयता प्रदान करना।
6. संस्था का उद्देश्य समय समय पर सास्कृतिक कार्यक्रमों ,गोष्ठियों ,स्वास्थ्य रक्षा शिविर जनजागृति शिविरों कला प्रदर्शनी का आयोजन करना तथा नि:शुल्क प्रौढ़ शिक्षा अनौपचारिक शिक्षा कार्यक्रमों बालश्रम उन्मूलन कार्यक्रम गरीबी उन्मूलन मद्य निषेध कार्यक्रम चलाना।
7.  देश विदेश एवं प्रदेश की समान उद्देश्य वाली संस्थाओं से सम्पर्क स्थापित करना एवं उनका सहयोग करना एवं ऐसी संस्थाओं के विकास हेतु संस्थाओं से सहयोग प्राप्त कर समाज विकास हेतु विभिन्न कल्याणकारी कार्यक्रम चलाना एवं संस्थाओं के विकास हेतु पत्र पत्रिकाओं का प्रकाशन कर उन्हें विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का प्रचार देना।
8. संस्था का उद्देश्य शिक्षा के उत्तरोत्तर विकास हेतु कार्यक्रम में प्राइमरी से लेकर जूनियर हाईस्कूल एवं इण्टरमीडिएट तथा आवश्यकतानुसार महाविद्यालय तक के विद्यालयों मदरसा औद्योगिक प्रशिक्षण देकर एन टी टी आदि की स्थपना कर अन्य का ज्ञान उपलब्ध कराना कम्प्यूटर के माध्यम से कम्प्यूटर प्रशिक्षण देकर स्वरोजगार की तरफ अग्रसर करना व कम्प्यूटर के वैज्ञानिक विषयों की शिक्षा व प्रशिक्षण करना।
9. संस्था का उद्देश्य छात्राओं को वर्तमान पद्धति के अनुसार शिक्षा तथा मध्यकालीन भोजन की व्यवस्था करना।
10. समाज की निर्धन कन्याओं का दहेज रहित सामूहिक विवाहों का आयोजन कराना और परित्यक्ताओं व विधवाओं को पुर्नविवाह हेतु प्ररित करना।
11. विकलांगो के उपचार हेतु सरकार द्वारा चलाई जाने वाली योजनाओं में सहायता प्रदान करना एवं निशुल्क चिकित्सालय की व्यवस्था करना।
12.  पर्यावरण सन्तुलन बननाये रखने प्रदूषण को कम करने के उद्देश्य से वृक्षारोपण कराना एवं पौधशाला की स्थापना करना एवं खाली एवं उसर पड़े बंजर भूमिपर सरकार के माध्यम से सघन वृक्षीकरण करना एवं वनकरणा को बढ़ावा देना।
13. खाद्य प्रसंस्करण के अन्तर्गत फलों के संरक्षण प्रशोधन पैकिंग करना व खाद्य प्रसंस्करण के अन्तर्गत आने वाली प्राकृतिक वस्तुओं को खाने योग्य बनाना।
14. संस्था का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में नागरिकों की सुविधा हेतु पुस्तकालय, वाचनालय, क्रीड़ालय छात्रावास एवं विकलांग तथा बाल श्रमिक विद्यालय की व्यवस्था करना एवं सामुदायिक केन्द्रों , पशु चिकित्सालय एवं अन्य धमार्थ संस्थानों संस्थाओं शिक्षा संस्थानों धर्मशाला नि:शुल्क औषधालय वद्धाश्रम अनाथाश्रम का निर्माण व संचालन व्यवस्था करना। निर्धन व विकलांगों के लिए पुस्तक भोजन वस्त्र एवं चिकित्सा एम्बुलेंस आदि की सुविधा नि:शुल्क उपलब्धहै।
15. अल्पसंख्यकों को शैक्षिक पिछडेपन को दूर करना एवं अल्पसंख्यक समाज में शिक्षा के प्रति जागरूकता उत्पन्न होने करना शासन द्वारा अल्पसंख्यकों को दी जाने वाली सुविधओं तथा कल्याणकारी योजनाओं से अवगत कराना ।
16.  केन्द्रीय एवं राज्य सरकार निगम बोर्ड सम्बन्धित विभागों के सहयोग से युवक युवतियों के कल्याण हेतु व उन्हें आत्मनिर्भर व स्वाभलम्बी बनाने हेतु व उन्हें आत्म निर्भर बनाने हेतु सुलभ रोजगार परक प्रशिक्षण जैसे -सिलाई, कड़ाई, बुनाई ,कताई, हस्तशिल्पकला, वास्तुकला, दस्तकारी, दरी कालीन, ड्रांइग पेटिंग , कला प्रशिक्षण तथा टंकण आशुलिपि एवं कम्प्यूटर प्रशिक्षण हार्डवेयर ,सॉफ्टवेयर ,इन्टरनेट ,इलैक्ट्रिक, इलैक्ट्रोनिक्स ,फैशन डिजायनिग,ं आदि का प्रशिक्षण देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना तथा उनमें जागरूकता पैदा करना।
17. समाज के अपेक्षित जैसे अन्ध कुष्ठ रोगी व मुक्त बधिरों विकलागों व निराश्रित लाचार वृद्धजनों के कल्याण के लिए कार्य करना तथा बाल आश्रम अनाथालय एवं वृद्धाश्रम की नि:शुल्क स्थापना करना
18. निर्धन एवं अनाथ लोगों व पिछडें क्षेत्रों के विकास हेतु केन्द्रीय एवं राज्य सरकार के सम्बन्धित विभागों मंत्रालयों जैसे स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्रालय यूनीसेफ हडको महिला कोष, बाल विकास विभाग, कपार्ट , नावार्ड आवार्ड नौराड , सूडा,डूडा ,सिडवी , राष्टीय महिला कल्याण निगम ,राष्टीय बाल भवन वस्त्र शिल्प हस्त मंत्रालय, पर्यावरण मंत्रालय, श्रममंत्रालय, राजीवगाँधी फाउण्डेशन, विश्व स्वास्थ्यसंगठन विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद आदि के वित्तीय सहयोग से चलाई जा रही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं व कार्यक्रमों का चलाकर नागरिकों का सर्वागीण विकास करना।
19. आश्रित महिला और अनाथ बच्चों के कल्याण हेतु समय समय पर विभिन्न कल्याणकारी कार्यक्रम चलाना,आगनवाडी बालबाडी, नारी निकेतन, प्रौढ़ शिक्षा केन्द्रों अनौपचारिक शिक्षा कार्यक्रम सांस्कृतिक कला केन्द्रों, बाल श्रमिक के उत्थान के लिए श्रमिक विद्यालय की स्थापना कर उनके उत्थान हेतु कार्य क रना।
20. इस संस्था के अन्तर्गत विभिन्न शहरों जिलों में इस संस्था की नई उपसमितियॉ खोलकर इस प्रकार की सुविधाओं को मुहैया कराते है।
21. यह है कि राज्य सरकार / भारत सरकार की विधि द्वारा स्थापित बोर्डों /विश्व विद्यालयों द्वारा संचालित पाठ्यक्रमों उपाधियों हेतु प्रदान किए जाने वाले प्रमाणपत्रों को न प्रदान किया जाएगा और न ही ऐसे ही पाठ्यक्रम बिना सरकार /भारत सरकार किया जाएगा और न ही ऐसे पाठ्यक्रम बिना राज्य सरकार / भारत सरकार की अनुमति के संचालित ही किये ही जाएगें।

Thursday, 2 February 2012

the Real Fight 2012

this is the fight between congress and BJP, SP and BSP this is the Real fight with each other

update for UP election 2012

update for UP election 2012. if you want to update for UP election 2012, you see this link 

Monday, 16 January 2012

Job

LOAN OFFICERS - SALARY + HIGH BONUS INCENTIVES (Los Angeles)

Company: Indian Corporation

Location: India, Agra
Date Posted: January, 2012
Bank: banking job, BPO jobs, APO Jobs, IT Job in India , IT job in Australia, Job in Britain, Job in USA, Job in media sector
http://www.simplyhired.com

Thursday, 12 January 2012

vacancy

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sarkaari job,
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job in india,
job in USA,
 job in British,
Job in London

poor farmer

गरीब किसान और हसती सरकार 
परख इंडिया न्यूज़ पेपर में दिनांक 8 जनवरी 2012  को आगरा  में प्रकाशित हुआ


Sunday, 8 January 2012

anna hajare


पोलिटिक्स 

राजनीती

music 

supporter 

police

अन्ना गाँधी 

मैं हूँ अन्ना 

cricket

money

भारत माता 

अन्ना arti

किरण बेदी 

narendra  modi 
अन्ना हजारे  की रणनीति और
उनका  अनशन



स्वर्गीय श्री पंडित रामचरण दीक्षित जनकल्याण सेवा संस्थान ( रजि.)

this is the reg. NGO where we can try to our best performance for the poor person & the we will try our best in future. we bless for our country and citizen.connect with our NGO.NGO need your help.
स्वर्गीय श्री पंडित रामचरण दीक्षित जनकल्याण सेवा संस्थान ( रजि.) 

late shree pt. ram charan dixit jan kalyan sewa sansthan ngo. (  reg.)

Monday, 2 January 2012

माय इंडिया

मंदिर
गतेवय ऑफ़ india

स्वर्ण मंदिर


दिफ्फिरेंट टाइप ऑफ़ बुल



इंडियन dakel

नौका बिहार

मेला ताज का

tajmahal