आरटीआई द्वारा मांगी गई सूचना में स्थाई निवासी को बताया परदेशी
पिछले चार सालों से नहीं दी गैस की सप्लाई
पिछले कई सालों से लगा रहा है अपना कनैक्शन पाने की गुहार
जातीय मामलें के कारण बंद किए थे पूरे परिवार के गैस कनैक्शन बंद
पीड़ित ने ली न्यायालय की शरण
मनमानी के चलते नहीं किेया संचालिका ने सत्यापन
मारहरा/एटा। गैस एजेंसी संचालकों की मनमानी सिर चढ़ कर बोल रही है। क्यों न हो आखिर आईओसी के आलाधिकारियों का हाथ उनके सिर पर रखा हुआ है तो उन्हें किस बात का भय है। चाहे उसके लिए अब किसी भी हद को पार करना पड़े। दो-दो माह के बाद गैस की सप्लाई, उपभोक्ताओं को कटिंग के सिलेंडर बेचना अपने हितों को साकार करने के लिए फर्जी तरीके से नए कनैक्शन जारी करना एक आम बात बन गई है। एरिया ऑफिस आगरा हो या फिर आईओसी का नोयडा ऑफिस हर तरफ बोल बाला इन गैस एजेंसी संचालकों का है। एक गैस एजेंसी संचालक ने तो हद ही कर दी। अपनी जातीय दुश्मनी निकालने के लिए चार वर्षों से उसका व उसके पूरे परिवार का गैस कनेक्शन बंद कर दिए, तथा सूचना का अधिकार का प्रयोग कर जब बंद करने का कारण पूंछा गया तेा संचालक ने अपने ही ढ़ंग में जबाब दिया। जबाब में कहा गया कि उक्त उपभोक्ता अपने पते पर रहता ही नही, जबकि उपभोक्ता की जमीन जायदाद मकान तथा संबंधित सभी साक्ष्य मौजूद हैं, इतना ही नहीं उपभोक्ता लगातार अपना कनेक्शन खुलवाने के लिए सालों से आईओसी के कार्यालय के चक्कर काट रहा है तथा, टोल फ्री व मेल द्वारा अपनी शिकायत कर रहा है तथा संबंधित सभी साक्ष्यों को भी पेश कर रहा है, फिर भी आईओसी के अधिकारियों ने आज तक उसके कनैक्शन को खुलवाने के लिए तकल्लुफ नहीं उठाया है। आईओसी के अधिकारियों ने ये जांच पड़ताल करने की जरूरत भी नहीं समझी कि अगर उक्त उपभोक्ता अपने पते पर निवास नहीं कर रहा तो वो लगातार शिकायत क्यो कर रहा है, आज तक इतनी शिकायतों के बाद भी उपभोक्ता से संपर्क नहीं किया गया और नहीं उसकी समस्या का निदान किया गया है। मामला मारहरा इंडेन गैस सेवा की संचालिका ने योगेन्द्र कुमार पिदौरा का गैस कनैक्शन बिना कोई कारण बताए बंद कर दिया गया, जबकि उपभोक्ता कई बार गैस एजेंसी पर अपने सत्यापन हेतु गया लेकिन संचालिका मीनेश कुमारी ने उसका सत्यापन नही किया। तथा संबंधित दस्तावेजों को भी फाड़कर फेंक दिया। जिसकी शिकायत आईओसी के अधिकारियों से भी की गई लेकिन कोई सुनवाई नहीं की गई। दरअसल योगेन्द्र कुमार ने गैस एजेंसी में होने वाली कालाबाजारी व धांधलेबाजी की शिकायत की थी, शिकायत के बाद गैस एजेंसी पर तो कोई कार्रवाई नहीं की गई लेकिन योगेन्द्र कुमार को अपना व अपने पूरे परिवार के कनेक्शनों से हाथ धोना पड़ा। न्याय पाने के लिए पीड़ित ने न्यायालय की शरण ली है।
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