Wednesday, 18 July 2012


लगातार दो वर्षों से उपभोक्ता निम्न बिन्दुओ पर भेज रहा है अपनी शिकायत लेकिन आईओसी के अधिकारियों के कान में नहीं रेंग रही जूं
विषय: बारबार सूचित करने के बाद भी नहीं हुइ कोई कार्रवाई


गैस एजेंसी पर चल रहे है दो हजार से भी ज्यादा फर्जी कनेक्शन जिसको साबित करने के लिए है पर्याप्त सुबूत
मनमाने ढग से चल रही है गैस की कालाबाजारी
जब जब छापे मारे गए हैं तब तब पायी गई हैं अनियमितताएं डीएम के आदेशों का भी किया गैस एजेंसी की संचालिका ने उलंघन
जिलाधिकारी के छापेमारी में मिले थे 306 सिंलेडर अतिरिक्त जिनका कहीं कोई लेखा जाखा नहीं था। साथ स्टाॅक रजिस्टर में भी नहीं थी कोई एंटी
आउटडेटिड कांटे का किया जा रहा था गैस गोदाम पर उपयोग
किया गया था गैस एजेंसी के खिलाफ मुकददमा दर्ज
लेकिन इतने सब के बाद भी नहीं हैं कोई सुधार उसी ढंग से चल रही है गैस एजेंसी
अभी भी गैस गोदाम से की जा रही है सप्लाई
नहीं किया जा रहा कैश एडं कैरी का खेल बंद
गैस एमटी की कीमत में इजाफा होने से पहले ही किया गया था गैस एजेंसी की संचालिका द्वारा किया गया था घोटाला
घोटाले में करीब सौ भरे हुए सिलेंडरों दुकानदारों को बेचा गया था
गलत ढग से किए गए थे 50 फर्जी कनैक्शन जिन कनैक्शनों पर की गई थी सीधे डीबीसी
850 से 1250 रुपए कीमत होने से पहले किया गया था घोटाला
न्ए कनैक्शन कराने वाले उपभोक्ताओं पर जबरन थोपा जाता है गैस चूल्हा
उपभोक्ताओं के अधिकारों का खुलेआम हो रहा है हनन
गैस ण्जेंसी संचालिका एक वकील भी है जिस कारण उपभोक्ताओं के शिकायत करने पर कर देती है झूठा मुकददमा
अभी तक आईओसी द्वारा नहीं की गयी कोई भी कार्रवाई
आईओसी के अधिकारी नहीं सुन रहे हैं मारहरा इंडेन गैस सेवा की कोई भी शिकायत
बार बार लिखित में व नेट द्वारा भेजी गई शिकायतों को कर दिया जाता है दरकिनार
उपभोक्ताओं में जागरुकता की कमी का उठाया जा रहा है पूरा फायदा

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अखबारों में छपी मारहरा इंडेन गैस सेवा की अनियमितताओं की खबरें


गैस एजेंसी पर छापा, मिलीं अनियमितताएं
दैनिक जागरण में छपी हुई न्यूज,
, 03 फरवरी 2012

एटा, निज प्रतिनिधिरू गैस एजेंसी संचालकों की मनमानी बंद होने का नाम नहीं ले रही। मारहरा गैस एजेंसी पर डीएम के आदेश के बाद भी कैश एंड कैरी व्यवस्था को बंद नहीं किया गया है। इसका खुलासा जिलापूर्ति अधिकारी के छापे के दौरान हुआ। एजेंसी पर कई तरह की अनियमितताएं पाई गई। डीएम के आदेश पर एजेंसी संचालक के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।

दरअसल पिछले दिनों एजेंसी संचालकों की बैठक में जिलाधिकारी वाई.के. बहल ने कैश एंड कैरी व्यवस्था को खत्म कर 48 घंटे के भीतर होम डिलीवरी के निर्देश दिये थे। जिलाधिकारी ने स्पष्ट कहा था कि 1 फरवरी से होम डिलीवरी की व्यवस्था सुनिश्चित कर ली जाए। बावजूद इसके गैस एजेंसी संचालकों ने कैश एंड कैरी व्यवस्था को खत्म नहीं किया। लिहाजा रसोई गैस की समस्या बढ़ गई। मारहरा में जिलाधिकारी के आदेश को दरकिनार कर दिया गया। वहां पर पहले की भांति कैश एंड कैरी की व्यवस्था जारी रही। एजेंसी संचालक की मनमानी के कारण क्षेत्र के रसोई गैस उपभोक्ताओं को गैस की किल्लत से जूझना पड़ रहा था। मारहरा से मिल रहीं शिकायतों पर गुरुवार को प्रभारी जिला पूर्ति अधिकारी और डिप्टी आरएमओ नरेन्द्र कुमार ने मारहरा इंडेन गैस एजेंसी पर छापा मारा। डीएसओ को देखते ही एजेंसी पर अफरा-तफरी मच गई। एजेंसी पर 306 सिलेंडरों की कोई एंट्री नहीं मिली। स्टॉक बोर्ड और रजिस्टर में भी सिलेंडरों का लेखा जोखा नहीं मिला। इसके अलावा डीएसओ ने अनाधिकृत स्थान हनुमान चैक पर गैस का कैश एन्ड कैरी व्यवस्था के तहत वितरण पाया। जिलाधिकारी के निर्देश पर पूर्ति निरीक्षक सतीश चन्द्र ने एजेंसी संचालिका मीनेश कुमारी यादव के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा 3ध्7 के तहत रिपोर्ट कराई है। डीएसओ नरेन्द्र कुमार ने एजेंसी संचालकों को निर्देश दिये हैं कि वे जिलाधिकारी के आदेशों के अनुरूप कैश एंड कैरी व्यवस्था को पूरी तरह समाप्त कर दें। 48 घंटे के भीतर होम डिलीवरी सुनिश्चित करें। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि कोई भी एजेंसी संचालक कैश एंड कैरी व्यवस्था को करते पाया जाता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।



अमरउजाला में छपी न्यूज



कनेक्शन सत्यापन के नाम पर अवैध वसूली
9 दिसंबर 2011 को अमर उजाला में छपी हुई न्यूज

मारहरा। कसबाई गैस उपभोक्ता लगातार 10 वर्षों से जनपदीय प्रशासनिक अधिकारियों से कैश एंड कैरी सुविधा का लाभ पाने के लिए मांग कर रहे हैं, लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात है।
बताते चलें कि कैश एंड कैरी सुविधा के तहत उपभोक्ताओं को आठ रुपये की छूट मिलती है। उपभोक्ताओं को होम डिलीवरी करानी हो या गोेदाम जाकर स्वयं गैस लेनी हो जिसके लिए उन्हें चार सौ रुपये देने होते हैं। तों वहीं वर्तमान में छह हजार उपभोक्ताओं से गैस एजेंसी संचालिक कैश एंड कैरी सुविधा के तहत हर महीने पचास हजार रुपये से भी अधिक की काली कमाई कर रहे हैं । गैस कनेक्शनों के सत्यापन के नाम पर भी 50 रुपये की अवैध वसूली की जा रही है।
नगला परसी अनार सिंह ने बताया कि वह 11 नबंवर को गैस लेने गोदाम गए थे वहां मौजूद कर्मचारी ने बताया कि गैस खत्म हो चुकी है तभी अचानक दो लोग गोदाम पहुंचे और उन्होंने बिना किताब दिए 10 सिलेंडर देकर चले गए, इसको लेकर उपभोक्ता और कर्मचारी के बीच कहासुनी हुई। कर्मचारी ने उपभोक्ता से अभद्रता भी की और उसे गैस भी नहीं दी। इस तरह के मामले लगातार संज्ञान में आ रहे हैं। जमकर गैस की कालाबाजारी हो रही है जिस ओर कोई अधिकारी ध्यान नहीं दे रहा है। एरिया सेल्स मैनेजर विकास सहदेव का कहना है कि इन मामलों की जांच कराएंगे और उपभोक्ताओं को बेहतर सुविधाएं दी जाएगी।
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फर्जी गैस कनेक्शनों की भरमार
मारहरा (ब्यूरो)। कसबा के गैस उपभोक्ताओं ने गैस एजेंसी संचालिका पर फर्जी गैस कनेक्शन करने का आरोप लगाते हुए कहा कि उपभोक्ताओं के कनेक्शन के सत्यापन को लेकर उन्हें परेशान किया जा रहा है जबकि एजेंसी संचालिका ने स्वयं फर्जी कनेक्शन कर रखे हैं। कसबे के अतीक अहमद के अलावा भी दर्जनों कसबावासियों ने बताया कि गैस एजेंसी संचालिका ने एटा के मारहरा दरवाजा के नाम से दर्जनों फर्जी कनेक्शन किए हुए हैं। गैस एजेंसी संचालिका मीनेश कुमारी का कहना है कि उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए गैस कनेक्शनों का सत्यापन किया जा रहा है। गैस की कालाबाजारी बिल्कुल भी नहीं हो रही है और किसी भी प्रकार की अवैध वसूली नहीं की जा रही है।



ऐसे न जाने अब तक कितनी ही बार छापेमारी हुई लेकिन आजतक कोई भी कार्रवाई स्पष्ठ रूप से सामने नहीं आई। आज तक कोई भी छापे मारी आईओसी द्वारा नही ं की गई।
मार्केंटिंग डिसीप्लेन गाइड लाइसं फोर एलपीजी 2000 के तहत दो वर्षों मंे लगातार तीन बार अनियमितताए पााए जाने पर गैस एजेंसी को टर्मिनेट करने का प्रावधान क्रमशः इस प्रकार है
पहली बार गैस एजेंसी पर पाई गई अनियमितता पर दस हजार रुपए व अन्य और जुर्माना लगाया जाता है
दूसरी बार अनियमितता पाए जाने पर 25000 हजार रुपए का हर्जाना और चेतावनी दी जाती है।
लेकिन तीसरी बार अनियमितता पाए जाने पर गैस एजेंसी को टर्मिनेट कर दिया जाता है।
लेकिन मारहार इंडेन गैस सेवा के साथ ऐसा कुछ भी नही हुआ।
आजतक आईओसी के अधिकारियों ने गैस एजेंसी के खिलाफ एक बार भी दण्डात्मक कार्रवाई नहीं की।
आए दिन उपभोक्ता टाॅलफ्री नंबर नेट व लिखित में समस्याएं भेजते हैं। लेकिन अधिकारियों के कान में जूं क्यों नहीं रेंग रही हैं।

एजेंसी पर दो वर्षों में तीन बार अनियमितताए पाए जाने पर टर्मिनेट करने का प्रावधान है और पहली दो अनियमितताओं पर जुर्माना किया जाता है।
ल्ेकिन मारहरा इंडेन गैस सेवा तो अनियमितताओं का भंडार है। फिर क्या कारण है कि गैस एजेंसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। उपभोक्ता के बार बार शिकायत करने के बाद कोई जांच क्यों नहीं की जा रही है। गैस एजेंसी की संचालिका की मनमानी से एक घर के अलग अलग रहने वाले सभी उपभोक्ताओं के कनैक्शन बन्द कर दिए जाते हैं और बार बार शिकायत करने के बाद भी उसकी कोई सुनवाई नहीं होती जबकि वहीं दूसरी तरफ गैस एजेंसी संचालिका के चहेतों के भाई भाभी बीबी मां बाप आदि सभी के कनैक्शन किए जाते है। तो फिर इन सबके खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नही की जाती।

गैस गोदाम पर एजेंसी की संचालिका व गैस गोदाम इंचार्ज की मिली भगत से गैस की रिफलिंग की जाती है और सभी गैस सिलेंडरों में से गैस निकालकर नए सिलेंडर तैयार किए जा रहे हैं। फिर भी इतने बडे कारनामों को अंजाम देने वाल संचालिका के खिलाफ क्यो नहीं हो रही कोई कार्रवाई।
हालत कुछ इस प्रकार गंभीर है कि शिकायतकर्ता के शिकायत पहुंचते ही कर दिया जाता है संचालिका को सूचित
अर्थात इनके तार उपर तक जुडे हुए है। शायद इसलिए कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
 

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